बिहार के स्कूलों में बिना 'पेन' नहीं होगा एडमिशन, जानें क्या है PEN और क्यों है जरूरी

Bihar School Admission: बिहार के स्कूलों में दूसरी कक्षा और इससे ऊपर के छात्रों के लिए परमानेंट एजुकेशन नंबर (पेन) अनिवार्य होगा। किसी आवेदन में पेन की कमी या गलत पेन होने पर आवेदन रद्द कर दिया जाएगा।;

Update: 2025-02-07 07:06 GMT

Patna News: बिहार में अब स्कूल में दाखिला लेना है तो परमानेंट एजुकेशन नंबर (PEN) जरूरी है। दूसरी कक्षा या उससे ऊपर की कक्षाओं में एडमिशन के लिए PEN होना ही होगा। अगर आपके पास PEN नहीं है या गलत है, तो आपका एडमिशन कैंसिल हो जाएगा। साथ ही, सरकारी और प्राइवेट, दोनों तरह के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए अपार ID भी अनिवार्य कर दी गई है। बिना PEN के अपार ID भी नहीं बनेगी। यह नियम अभी लागू हो गया है।

दरअसल, PEN एक खास नंबर है जो हर बच्चे को पढ़ाई शुरू करने पर मिलता है। यह नंबर आधार कार्ड की तरह होता है और बच्चे की पहचान बताता है। यह नंबर स्कूल में ही बनाता है। यह नंबर बच्चे के पूरे शैक्षणिक जीवन में उसके साथ रहेगा। इससे बच्चे की पढ़ाई का पूरा रिकॉर्ड एक जगह पर इकट्ठा रहेगा।

PEN, अपार कार्ड से अलग है। अपार कार्ड बनवाने के लिए भी PEN होना जरूरी है। यह भी स्कूल ही जारी करता है। अगर बच्चे के पास PEN नहीं है, तो उसका अपार कार्ड भी नहीं बनेगा। शिक्षा विभाग के अनुसार, अपार कार्ड एक घर है और PEN उसकी नींव। बिना नींव के घर कैसे बनेगा?

PEN आधार कार्ड की तरह 12 अंकों का होता है। यह नंबर U-DISE पोर्टल पर अपलोड होने के बाद ही जारी होता है। इस नंबर से बच्चे की पढ़ाई से जुड़ी सभी जानकारी मिल सकती है। यह जैसे बच्चा किस कक्षा में पढ़ता है, कौन से विषय पढ़ता है, उसके नंबर कितने आते हैं, वगैरह-वगैरह। इससे बच्चे की पहचान की पुष्टि भी आसानी से हो जाती है। अगर किसी बच्चे को स्कॉलरशिप मिलनी है, तो PEN से उसकी पहचान आसानी से हो जाएगी।

पटना के DEO संजय कुमार ने कहा कि बच्चों के लिए परमानेंट एजुकेशन नंबर अनिवार्य है। यह स्कूल द्वारा ही बच्चों को जारी किया जाता है। जिन बच्चों का PEN नहीं होगा, उनका अपार कार्ड नहीं बनाया जाएगा। मतलब साफ है, बिना PEN के ना एडमिशन और ना ही अपार कार्ड। इसलिए, अगर आपका बच्चा स्कूल जाता है, तो जल्दी से उसका PEN बनवा लीजिए।

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