पीएम मोदी और ट्रंप में क्या हुई थी बात? सवाल से असहज हो गया अमेरिकी विदेश विभाग

अमेरिका या ट्रंप भले ही भारत-पाक के बीच युद्ध रोकने का दावा करें, लेकिन भारत ने हमेशा तीसरे देश के हस्तक्षेप को खारिज किया है।;

Update: 2025-08-23 07:01 GMT

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कई बार भारत-पाकिस्तान युद्ध को रोकने का श्रेय लिया है। हाल ही में सीएनएन-न्यूज18 से बातचीत में अमेरिकी विदेश विभाग ने भारत-पाकिस्तान युद्ध रोकने पर गर्व जताया। हालांकि, जब उनसे जून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रंप के बीच हुई 35 मिनट की बातचीत के बारे में पूछा गया, तो वे असहज दिखे। बता दें कि अमेरिका या ट्रंप भले ही भारत-पाक के बीच युद्ध रोकने का दावा करें, लेकिन भारत ने हमेशा तीसरे देश के हस्तक्षेप को खारिज किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने भी कहा था कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता में अमेरिका की कोई भूमिका नहीं थी।

अमेरिकी विदेश विभाग का बयान

अमेरिकी विदेश विभाग ने पहली बार किसी भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता पर जवाब दिया। प्रवक्ता ने सीएनएन-न्यूज18 को बताया कि उन्हें अमेरिका की मध्यस्थता से भारत-पाकिस्तान के बीच हुए युद्धविराम पर गर्व है। उन्होंने दोनों देशों से भविष्य में संघर्ष टालने के लिए आपस में सीधे संवाद करने का भी आग्रह किया।

भारत का असहमति का रुख

भारत और प्रधानमंत्री मोदी शुरू से ही अमेरिका और ट्रंप के दावों से असहमत रहे हैं। भारत का कहना है कि बातचीत और आतंकवाद एक साथ नहीं चल सकते। सीएनएन-न्यूज18 ने अमेरिका से पूछा था कि क्या ट्रंप भारत-पाक युद्धविराम के दावे में सच्चाई है और जून में मोदी ने ट्रंप से क्या कहा था। इस पर अमेरिकी प्रवक्ता ने कहा कि हम निजी राजनयिक बातचीत पर टिप्पणी नहीं करते।

व्यापार वार्ता पर स्थिति

अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि भारत के साथ व्यापार वार्ता सही दिशा में है। 25 अगस्त को एक अमेरिकी व्यापार दल ने अपनी भारत यात्रा स्थगित कर दी थी। इस पर प्रवक्ता ने कहा कि हम भारत सरकार के साथ व्यापार और निवेश में निरंतर सहयोग को महत्व देते हैं। हम ऐसा व्यापार समझौता चाहते हैं जो दोनों देशों के बीच उत्पादक और संतुलित व्यापार संबंध बनाए।

ऑपरेशन सिंदूर और पाकिस्तान

सीएनएन-न्यूज18 ने जून में ट्रंप और मोदी के बीच हुई फोन कॉल के बारे में सवाल पूछे, जब मोदी जी-7 शिखर सम्मेलन के लिए कनाडा में थे। इस कॉल में मोदी ने स्पष्ट कहा था कि ऑपरेशन सिंदूर पर भारत-पाक मध्यस्थता में अमेरिका की कोई भूमिका नहीं थी। अमेरिका ने इस कॉल का कोई विवरण जारी नहीं किया।

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