तैयार हो गई कैंसर की वैक्सीन! जानें कैसे काम करेगी और कितनी बार लगवानी पड़ेगी?
रूस ने mRNA टेक्नोलॉजी पर आधारित कैंसर वैक्सीन विकसित करने का दावा किया है, जो ट्यूमर की वृद्धि को रोकने में प्रभावी है। यह वैक्सीन इम्यून सिस्टम को सक्रिय कर कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करती है और पारंपरिक वैक्सीन की तुलना में अधिक सुरक्षित और असरदार हो सकती है।
नई दिल्ली: दुनिया भर में जानलेवा कैंसर के इलाज की तलाश के बीच, रूस ने mRNA टेक्नोलॉजी पर आधारित कैंसर वैक्सीन विकसित करने का दावा किया है। रूसी हेल्थ मिनिस्ट्री के मुताबिक, इस वैक्सीन का अगले साल से नागरिकों को मुफ्त में वितरण शुरू होगा। रेडियोलॉजी मेडिकल रिसर्च सेंटर के डायरेक्टर आंद्रेई कप्रीन ने इसे "सदी की सबसे बड़ी खोज" बताया है। क्लिनिकल ट्रायल्स के दौरान यह वैक्सीन ट्यूमर की वृद्धि को रोकने में प्रभावी साबित हुई है।
mRNA वैक्सीन कैसे काम करती है?
mRNA, जिसे मैसेंजर RNA भी कहा जाता है, इंसानी जेनेटिक कोड का एक छोटा हिस्सा है। यह कोशिकाओं को प्रोटीन बनाने का निर्देश देती है, जो वायरस या बैक्टीरिया से लड़ने में मददगार होता है। जब mRNA वैक्सीन शरीर में जाती है, तो यह इम्यून सिस्टम को सक्रिय करके आवश्यक प्रोटीन बनाने में मदद करती है। इससे एंटीबॉडी बनती हैं, जो शरीर को संक्रमण से लड़ने में सक्षम बनाती हैं। mRNA टेक्नोलॉजी का उपयोग करके वैक्सीन तेजी से तैयार की जा सकती है और यह पारंपरिक वैक्सीन की तुलना में अधिक प्रभावी मानी जाती है।
कैंसर वैक्सीन के फायदे
विशेषज्ञों का मानना है कि mRNA वैक्सीन कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने और शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में सहायक हो सकती है। यह वैक्सीन इम्यून सिस्टम को कैंसर से लड़ने के लिए प्रशिक्षित करती है। इस तकनीक पर लंबे समय से शोध चल रहा है, और यह अन्य वैक्सीन की तुलना में अधिक सुरक्षित और प्रभावी हो सकती है।
कैंसर वैक्सीन कितनी बार लगवानी होगी?
रूस ने अब तक इस वैक्सीन की पूरी जानकारी साझा नहीं की है, लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार, वैक्सीन की खुराक कैंसर के प्रकार और उसकी स्टेज पर निर्भर करेगी। mRNA वैक्सीन को एक से अधिक बार लगाए जाने की आवश्यकता हो सकती है। अलग-अलग प्रकार के कैंसर के लिए वैक्सीन का प्रभाव और उपयोग भिन्न हो सकता है।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने इस साल कैंसर वैक्सीन को लेकर भरोसा जताया था। यदि यह वैक्सीन प्रभावी साबित होती है, तो यह कैंसर के इलाज में एक नई क्रांति ला सकती है।