शारदीय नवरात्रि 3 अक्टूबर से शुरू हो रही है और इस दौरान तीन दुर्लभ शुभ योग बन रहे हैं। ज्योतिषियों का कहना है कि इन योगों में मां दुर्गा की पूजा करने से भक्तों को विशेष फल मिलेगा। नवरात्रि के नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है और उनके लिए व्रत भी रखा जाता है। वैदिक पंचांग के अनुसार, शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 3 अक्टूबर को देर रात 12 बजकर 18 मिनट से होगी और 4 अक्टूबर को देर रात 02 बजकर 58 मिनट पर समाप्त होगी। लेकिन सनातन धर्म में सूर्योदय से तिथि की गणना होती है, इसलिए नवरात्रि का आरंभ 3 अक्टूबर से ही माना जाएगा।

नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना का मुहूर्त सुबह 06 बजकर 15 मिनट से लेकर सुबह 07 बजकर 22 मिनट तक रहेगा। इसके अलावा अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 46 मिनट से दोपहर 12 बजकर 33 मिनट तक रहेगा। इन शुभ मुहूर्त में घटस्थापना करके मां दुर्गा की पूजा करना विशेष फलदायी माना जाता है।

ज्योतिषियों के अनुसार, इस बार शारदीय नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना के समय दुर्लभ इंद्र योग बन रहा है। यह योग पूरे दिन रहेगा और 4 अक्टूबर को सुबह 04 बजकर 24 मिनट पर समाप्त होगा। इसके साथ ही आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर हस्त नक्षत्र का संयोग दोपहर 03 बजकर 22 मिनट तक रहेगा। उसके बाद चित्रा नक्षत्र का संयोग बनेगा।

ऐसी मान्यता है कि इन शुभ योगों में की गई पूजा से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और उनके घर में सुख-समृद्धि आती है। मां दुर्गा की पूजा करने से साधक ही हर मनोकामना पूरी होती है। इसके साथ ही घर में सुख एवं समृद्धि आती है। ज्योतिषियों का मानना है कि शारदीय नवरात्र के पहले दिन घटस्थापना पर 3 दुर्लभ एवं शुभ योग का निर्माण हो रहा है। इन योग में जगत की देवी मां दुर्गा की पूजा करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होगी।