हिंदू धर्म में दिवाली का त्योहार बड़े उत्साह से मनाया जाता है। यह त्योहार पांच दिनों तक चलता है। यह धनतेरस से शुरू होकर भाई दूज पर खत्म होता है। इस साल धनतेरस 29 अक्टूबर 2024 ( मंगलवार ) को है। इस दिन शुभ मुहूर्त में पूजा करने से विशेष लाभ मिलता है।

दरअसल, लक्ष्मी की प्राप्ति और सुख-शांति के लिए कुछ खास उपाय किए जा सकते हैं। धनतेरस और दीपावली पर घर में सुख-समृद्धि लाने के लिए कुछ यंत्रों का उपयोग किया जा सकता है।

आज हम आपको बताएंगे कि कौन से यंत्र धनतेरस और दिवाली पर घर में रखने से लाभ मिल सकता है। श्री यंत्र, कछुआ, लघु नारियल और क्रिस्टल लोटस जैसे यंत्रों के बारे में हम बताएंगे। साथ ही दीपक जलाने की सही दिशा के बारे में भी जानकारी देंगे।

अष्टधातु का कछुआ घर में रखना बहुत शुभ माना जाता है। इस कछुए के ऊपर अगर मेरु श्री यंत्र स्थापित हो तो यह और भी शुभ होता है।

यह कछुआ पूरे परिवार की दीर्घायु और करियर के लिए भी अत्यंत शुभ होता है। इसे घर में रखने से यह हमें कई बीमारियों से भी बचाता है।

मेरु श्री यंत्र लक्ष्मी की स्थायी प्राप्ति के लिए रखा जाता है। जिससे हमारा रुका हुआ धन भी वापस आ जाता है।

लघु नारियल बहुत छोटा होता है। हजारों नारियलों में से एक या दो ही लघु नारियल मिलते हैं। दीपावली के दिन, लघु नारियल पर चंदन का तिलक लगाएं। इसके साथ एक लक्ष्मी कौड़ी, पांच चिट्ठी कौड़ी और पांच गोमती चक्र लाल कपड़े में बांधकर रखें। इसे दुकान के गल्ले या तिजोरी में रखने से विशेष लाभ होता है।

स्फटिक और अष्टधातु से निर्मित श्री यंत्र का प्रभाव सामान्य यंत्रों से कई हजार गुना अधिक होता है। अष्टधातु और स्फटिक श्री यंत्र को एक से अधिक स्थानों पर रखा जा सकता है। इन्हें घर या कार्यस्थल पर रखा जा सकता है। इन्हें दुकान के पूजा स्थान, तिजोरी या गल्ले में भी स्थापित किया जा सकता है।

श्री संपूर्ण वास्तु यंत्र में 13 यंत्रों की शक्तियां होती हैं। ये तेरह यंत्र 24 कैरेट गोल्ड प्लेटिंग पर यंत्र विधि विधान, वास्तुकला और ज्योतिष विज्ञान के अनुसार तैयार किए जाते हैं। यह यंत्र घर में किसी भी प्रकार के वास्तु दोष को दूर कर, कुछ ही दिनों में चमत्कारी प्रभाव उत्पन्न करता है।

क्रिस्टल से बना लोटस लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए इसे घर के उत्तर-पूर्व या दक्षिण-पूर्व कोने में रखा जा सकता है। जिस घर में क्रिस्टल का लोटस होता है, वहां लक्ष्मी का वास होता है।

वास्तु शास्त्र के अनुसार, दीपक जलाते समय कुछ नियमों का पालन करना चाहिए। दीपक की लौ घर के अंदर या बाहर जलाते समय उत्तर या पूर्व दिशा में होनी चाहिए। माना जाता है कि दीपक की लौ अगर पूर्व दिशा की ओर जलती है, तो यह धन में वृद्धि करती है।

वहीं, अगर लौ पश्चिम दिशा की ओर है, तो यह दुख में वृद्धि करती है। यदि दीपक की लौ उत्तर दिशा की ओर जलती है, तो यह स्वास्थ्य और समृद्धि को बढ़ावा देती है।