अबू धाबी है दुनिया का सबसे अमीर शहर, यहां की पांच रोचक बातें जानें

Abu Dhabi World Richest City: ग्लोबल एसडब्ल्यूएफ ने अबू धाबी को दुनिया का सबसे अमीर शहर माना है। यहां इतनी दौलत है कि आप गिनते गिनते थक जाएंगे।

मुंबई: अक्टूबर 2024 तक, ग्लोबल एसडब्लूयएफ ने अबू धाबी को अपने सॉवरेन वेल्थ फंड के मामले में दुनिया के सबसे अमीर देश का खिताब दिया है। अनुमान के मुताबिक इस देश में 1.7 ट्रिलियन डॉलर की पूंजी है, इसके बाद ओस्लो, बीजिंग, सिंगापुर, रियाद और हांगकाग का स्थान आता है। संयुक्त रूप से ये छह शहर दुनिया भर में सॉवरेन वेल्थ फंड द्वारा प्रतिबंधि पूंजी का दो-तिहाई हिस्सा रखते हैं, जो एक अक्टूबर 2024 तक कुल 12.5 ट्रिलियन डॉलर है।

कुल संपत्ति में अबू धाबी निवेश प्राधिकरण, मुबाडाला, अबू धाबी निवेश परिषद, अबू धाबी विकासात्मक होल्डिंग कंपनी, ल्यूनेट, अबू धाबी विकास निधि, तवाजुन और अमीरात निवेश प्राधिकरण द्वारा संबधित कंपनियां शामिल हैं। इस शहर को न केवल वित्तीय पूंजी में पहला स्थान प्राप्त है बल्कि मानव पूंजी में भी आगे है क्योंकि एसडब्ल्यूएफ में 3,107 कर्मचारी कार्यरत हैं। सॉवरेन वेल्थ फंड, एक सरकारी स्वामित्व वाला निवेश पूल है, जिसे अक्सर सरकार द्वारा उत्पन्न राजस्व के माध्यम से संचित अधिशेष भंडार से बनाया जाता है। ये फंड देश की अर्थव्यवस्था में योगदान करते हैं। साथ ही नागरिकों को लाभ पहुंचाते हैं।

अबू धाबी ने पिछले कुछ दशकों में संस्थागत निवेशकों को प्रभावशआली पोर्टफोलियो के साथ तेजी से विकास देखा है, जो सबसे बड़े और सबसे लोकप्रिय सौदागरों में से एक हैं। सॉवरेन वेल्थ फंड के अलावा, अमीरात में कई अन्य प्रकार के संपत्ति मालिक भी हैं।

इनमें सेंट्रल बैंक शामिल हैं, जो देश की मुद्रा और मौद्रिक भंडार का प्रबंधन करते हैं। पब्लिक पेंशन फंड जो नागरिकों के लिए सेवानिवृत्ति लाभ सुरक्षित करते हैं और रॉयल प्राइवेट ऑफिस जो शाही परिवार के सदस्यों से जुड़े पारिवारिक कार्यालय हैं जो उनकी संपत्ति का प्रबंधन करते हैं। इस प्रकार अबू धाबी की सार्वजनिक पूंजी वर्तमान में 2.3 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर है।

1950 में हुई थी तेल की खोज

दरअसल, अबू धाबी में पहली बार 1950 में तेल की खोज हुई थी। तब से यह शहर प्रमुख तेल उत्पादक बन गया है, जिसने वैश्विक दुनिया में शहर की आर्थिक स्थिति में भारी योगदान दिया है। आज अबू धाबी दुनिया के शीर्ष उर्जा उत्पादकों में से एक है और यूएई के 95 फीसदी तेल और 92 फीसदी गैस का स्वामित्व इसके पास है।

वहीं, जब शहर की विकास की बात करते हैं तो अबू धाबी की राजधानी का जिक्र होता है। तेल के कारोबार के बाद आबू धाबी विकास प्राधिकरण की स्थापना की गई थी। बाद में इसने खुद को एक वैश्विक प्लेयर के रूप में स्थापना की। इसके बाद निवेश के लिए आसानी से मुबाडाल और एडीआईए जैसे संस्थाओं को मिला दिया गया है।

अबू धाबी के बारे में जानें रोचक बातें

अबू धाबी के नाम का अर्थ है गजेल का पिता,जो इन सुंदर जानवरों के साथ क्षेत्र के ऐतिहासिक जुड़ाव को दर्शाता है। इसके साथ ही दुनिया का सबसे पुराना मोती जो 8,000 साल से भी पुराना है, अबू धाबी में खोजा गया था।

इसके साथ ही बाज शिकार की समृद्ध परंपरा है। अमीरात अपने कुशलबाजों और राजसी शिकारी पक्षियों के लिए जाना जाता है। अबू धाबी प्रायद्वीप में पहली पोप यात्रा का स्थल था, जब पोप फ्रांसिस ने 2019 में दौरा किया था। इसके साथ ही 1950 के दशक के अंत में अबू धाबी में तेल की खोज की गई थी, जिसने अमीरात की अर्थव्यवस्था को बदल दिया।

अबू धाबी अपने तेल संसाधनों और स्मार्ट निवेशों की बदौल अपने सॉवरेन वेल्थ फंड के माध्यम से 1.7 ट्रिलियन का प्रबंधन करते दुनिया का सबसे अमीर शहर बन गया है। अपनी समृद्धि के अलावा इस शहर की संस्कृति भी समृद्ध है, जिसमें बाज शिकार और मोती की परंपराएं शामिल हैं। अबू धाबी के उर्जा उत्पादन और वित्तीय विकास ने इसे वैश्विक स्तर पर एक प्रमुख प्लेयर बना दिया है।

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