नई दिल्ली: करवाचौथ से पहले एक बार फिर सोने की कीमत रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। शुक्रवार सुबह घरेलू वायदा बाजार में सोने की कीमत रिकॉर्ड स्तर ₹77,641 प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गईं। इसकी मुख्य वजह अंतरराष्ट्रीय बाजारों से मिल रहे सकारात्मक संकेत और घरेलू बाजारों में बढ़ती मांग है। अंतरराष्ट्रीय बाजारों में इस महीने सोने की कीमतों में एक प्रतिशत से ज्यादा की बढ़त देखी गई और शुक्रवार को यह रिकॉर्ड स्तर के करीब पहुंच गया।

सोने की बढ़ती कीमत के पीछे अमेरिकी चुनावों के नतीजों को लेकर अनिश्चितता, पश्चिम एशिया में तनाव और आगे चलकर मौद्रिक नीति में और ढील की उम्मीदें हैं। गुरुवार को स्पॉट गोल्ड ने $2,696.59 का रिकॉर्ड स्तर छुआ।

वहीं कल ही हमास चीफ याह्या सिनवार को इजरायली बलों द्वारा मार दिया गया। पश्चिमी नेताओं ने कहा कि उसकी मौत से युद्ध समाप्त होने की संभावना है, लेकिन इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि युद्ध जारी रहेगा।

लेबनान में हिजबुल्ला संगठन के खिलाफ इजरायल ने हमले और तेज कर दिए हैं। वहीं अब हमास चीफ के मारे जाने के बाद प्रतिरोध की भावना और मजबूत होगी। वहीं, अमेरिकी आर्थिक आंकड़ों से पता चलता है कि दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अच्छी स्थिति में है, जिससे फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों में कटौती की अटकलें तेज़ हो गई हैं।

अमेरिकी खुदरा बिक्री पिछले महीने उम्मीद से ज्यादा 0.4 प्रतिशत बढ़ी, जबकि अगस्त में यह 0.1 प्रतिशत बढ़ी थी। इसके अलावा, शुरुआती बेरोज़गारी दावों में पिछले हफ्ते 19,000 की गिरावट आई और यह 241,000 तक पहुंच गए। विदशी घटनाक्रम का असर भारत में भी सोने की कीमतों पर पड़ रहा है। मार्केट एक्सपर्ट का मानना है कि दिवाली से पहले भारतीय बाजार में सोने की कीमतों में और तेजी आ सकती है।