मुंबई: टाटा ट्रस्ट के अध्यक्ष रहे रतन टाटा का निधन हो गया था। रतन टाटा ने शादी नहीं की थी इसलिए उनका कोई परिवार नहीं था। ऐसे में सवाल उठ रहा था कि उनकी संपत्ति किसे मिलेगी। अब टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक उनकी वसीयत खुलासा हुआ है। वसीयत में इस बात का खुलासा हुआ है कि रतन टाटा की संपत्ति किसे मिलेगी। रतन टाटा की अनुमानित संपत्ति करीब 10,000 करोड़ रुपए की है।

वहीं, उनकी वसीयत को अमलीजामा पहनाने की जिम्मेदारी उनकी सौतेली बहनें शिरीन और डायना डेजीभॉय के वकील दारायस खंबाटा और करीबी दोस्त मेहली मिस्त्री को दिया गया है। उनकी संपत्ति का सबसे बड़ा हिस्सा रतन टाटा एंडोमेंट फाउंडेशन को जाएगा। यह चैरिटी का काम करता है। इस फाउंडेशन का नेतृत्व टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन करेंगे। साथ ही सामाजिक काम के लिए टाटा के नजरिए को जारी रखेंगे।

रसोइए का भी वसीयत में जिक्र

टीओई की रिपोर्ट के अनुसार टाटा की वसीयत में उनके छोटे भाई जिमी टाटा, सौतली बहनें शिरीनी और डीनना जेजीभॉय के लिए प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही टाटा के रसोइए राजन शॉ और बटलर सुब्बियाह भी इसमें शामिल है। इन दोनों ने टाटा की वर्षों तक सेवा की है।

शांतनू नायडू का लोन माफ

वहीं, रतन टाटा से विश्वासपात्रों में से एक शांतनु नायडू को भी बड़ी राहत मिली है। उन्हें भी टाटा ने वसीयत का हिस्सा बनाया है। टाटा ने नायडू द्वारा लिए गए एजुकेशन लोन को माफ कर दिया है। साथ ही नायडू की कंपनी गुडफेलो में उन्होंने अपनी हिस्सेदारी छोड़ दी है। इसी से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि शांतनू नायडू टाटा के कितने करीबी थे।

कुत्ता टीटो को भी वसीयत में हिस्सा

इसके साथ ही रतन टाटा ने अपने पेट डॉग टीटो के लिए भी वसीयत में आजीवन देखभाल सुनिश्चित की है। टाटा ने इसे 5-6 साल पहले गोद लिया था। वसीयत में लिखा है कि टीटो की देखभाल शॉ द्वारा की जाती है। वह आजीवन करता रहेगा।

इसके साथ ही मुंबई में रतन टाटा के कई बंगले हैं। यह भी उनकी संपत्ति का हिस्सा है। इसे लेकर कोई फैसला नहीं आया है लेकिन टाटा ने अपनी वसीयत में करीबियों का ख्याल रखा है।