नई दिल्ली: गूगल में काम करने वाले कर्मचारियों की मौज रहती है। यहां काम करने वाले लोगों का फाइव स्टार होटल की तरह खाना मिलता है। इसे लेकर गूगल के सीईओ ने खुलासा किया है कि कंपनी क्यों अपने कर्मचारियों के फ्री खाने पर इतना निवेश करती है। पिचाई ने एक इंटरव्यू में कहा है कि यह खाना सिर्फ सुविधाएं नहीं हैं, बल्कि इसके पीछे एक गहरा उदेश्य है।

गूगल सीईओ सुंदर पिचाई ने कहा कि मुझे कई बार याद है, जब मैं गूगल में काम कर रहा था, तब मैं कैफे में जाता था, किसी से मिलता था और बात करता था। इस दौरान किसी नई चीज के बारे में उत्साहित होता था। इससे हमारे अंदर रचनात्मकता बढ़ती है। सुंदर पिचाई ने यह इंटरव्यू में ब्लूमबर्ग को दिया है।

सुंदर पिचाई ने गूगल के साथ 2004 से एक प्रोडक्ट मैनेजर के रूप में काम की शुरुआत की थी। इस दौरान कुछ सबसे शानदार विचार में से एक था, सामुदायिक भोजन योजना।

उन्होंने कहा कि खाने के दौरान एक सहयोगात्मक वातावरण बनता है। साथ ही यहां कर्मचारी भोजन पर एकत्रित होते हैं और नए आइडिया को बढ़ावा मिलता है। पिचाई ने कहा कि इससे मिलने वाला लाभ लागत से कहीं ज्यादा है। उन्होंने कहा कि फ्री भोजना कोई वित्तीय बोझ नहीं है, बल्कि क्रिएटिविटी और कम्युनिटी बिल्डिंग के लिए एक लॉन्ग टर्म निवेश है।

फ्री मील से परे पिचाई ने कहा कि गूगल के कर्मचारियों में एक सकारात्मक वातावरण बनता है। यह उनकी गतिशीलता को प्रभावित करता है। दुनिया में भर में गूगल के 1,82,000 से ज्यादा कर्मचारी हैं। कंपनी तकनीक की दुनिया में शीर्ष प्रतिभाओं को आकर्षित करता है। लगभग 90 फीसदी उम्मीदवार गूगल की नौकरी के ऑफर को स्वीकार करते हैं।

गूगल में नियुक्तियों के लिए क्या मापदंड होता है, इस पर सुंदर पिचाई ने कहा कि भूमिका के आधार पर मापदंड तय होते हैं। उन्होंने कहा कि इंजीनियरिंग पदों के लिए कुशल प्रोग्रामर को ढूंढना महत्वपूर्ण होता है जो नई चुनौतियों के अनुकूल हो सकें। हम रियल में सुपर स्टार सॉफ्टवेयर इंजीनियरों की तलाश करते हैं।

फ्री भोजन के अलावा गूगल अपने कर्मियों को हेल्थ इंश्योरेंस, रिमोट वर्क, पेड लीव और वेलनेस प्रोग्राम देता है। इन्हीं वजहों से यह कॉरपोरेट जगत में सबसे अलग है।

हालांकि, लाभों के बावजूद, सुंदर पिचाई ने स्वीकार किया है कि हाल के वर्षों में गूगल के सभी लाभ बरकरार नहीं रहे हैं। 2023 में कंपनी ने खुद को सुव्यवस्थित करने की घोषणा की थी। कुछ ऑफिस में कैफे के घंटों को कम किया गया था। साथ ही कही माइक्रो किचन में बदला गया था। हालांकि सिलिकॉन वैली में अभी भी कर्मियों वैसे ही सुविधाएं मिलता है।