बिहार के बेगूसराय में बीपीएससी शिक्षक बहाली को लेकर कार्रवाई शुरू हो गई है। बिहार के बाहर के शिक्षकों की जांच शुरू हो गई है। नियमों को ताक पर रखकर नौकरी पाने वाले शिक्षकों की खैर नहीं। गुरुवार को सभी हेडमास्टरों को आदेश जारी कर दिया गया है। डीपीओ स्थापना रविंद्र कुमार साहु ने बताया कि बिहार के बाहर के जो शिक्षक बीपीएससी टीआरई-1 और टीआरई-2 में नौकरी पाए हैं, उनके शिक्षक पात्रता परीक्षा प्रमाणपत्रों की जांच के आदेश मिले हैं।

दरअसल, बिहार सरकार ने बीपीएससी बहाली में बिहार के लोगों को कुछ छूट दी थी। इसका फायदा उठाकर बिहार के बाहर के कई लोग भी नौकरी पा गए थे। अब ऐसे शिक्षकों की जांच की जा रही है। जांच में अगर गड़बड़ी मिली तो शिक्षकों को नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है।

शिक्षा विभाग के नए आदेश के मुताबिक, पहली से आठवीं कक्षा तक पढ़ाने वाले बिहार के बाहर के शिक्षकों के सीटीईटी प्रमाणपत्रों की जांच की जाएगी। अगर उनके अंक 90 से कम हुए तो उन्हें नौकरी से निकाल दिया जाएगा। इसी तरह, नौवीं से बारहवीं कक्षा तक पढ़ाने वाले बीपीएससी शिक्षक जिन्हें एसटीईटी में 50 प्रतिशत से कम या 75 अंक से कम अंक मिले हैं, उन्हें भी नौकरी से निकाला जा सकता है।

सभी प्रधानाध्यापकों को 24 घंटे के अंदर अपने-अपने स्कूलों में काम करने वाले बिहार के बाहर के शिक्षकों के शिक्षक पात्रता परीक्षा प्रमाणपत्र की जांच करने को कहा गया है। अगर तय मानदंडों पर खरे नहीं उतरते हैं तो उनकी जानकारी 24 घंटे के अंदर बीआरसी में जमा करानी होगी।