बिहार के सरकारी शिक्षकों के लिए बड़ी खबर, अब दिन में तीन बार बनाने होंगे अटेंडेंस; जानें क्यों
Bihar Teacher News: शिक्षकों के लिए बड़ी खबर। सेवाकालीन प्रशिक्षण अब आपके ही जिले में। सुबह, दोपहर, शाम तीन बार बायोमेट्रिक हाजिरी जरूरी। पूरी हाजिरी पर ही प्रमाण पत्र मिलेगा।

Bihar Education Department: बिहार के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के लिए बड़ी खबर है। अब शिक्षकों का प्रशिक्षण उनके अपने जिले में ही होगा। यह फैसला शिक्षकों की सुविधा के लिए लिया गया है। साथ ही, प्रशिक्षण में बायोमेट्रिक हाजिरी भी अनिवार्य कर दी गई है। इससे शिक्षक पूरे समय प्रशिक्षण में मौजूद रहेंगे। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ एस सिद्धार्थ ने इस बारे में आदेश जारी कर दिया है।
शिक्षकों को अब प्रशिक्षण के लिए दूसरे जिलों में नहीं जाना पड़ेगा। यह उनके समय और पैसे दोनों की बचत करेगा। पहले कई शिक्षक प्रशिक्षण के लिए दूसरे जिलों में जाने से कतराते थे। अब अपने ही जिले में प्रशिक्षण होने से उनकी यह समस्या दूर हो जाएगी। इससे प्रशिक्षण में ज्यादा से ज्यादा शिक्षकों की भागीदारी सुनिश्चित होगी। इससे शिक्षा की गुणवत्ता में भी सुधार आएगा।
प्रशिक्षण से एक हफ्ता पहले शिक्षकों को सूचना दे दी जाएगी। यह इसलिए किया जा रहा है ताकि शिक्षक पहले से तैयारी कर सकें। और बिना किसी परेशानी के प्रशिक्षण में शामिल हो सकें। पहले अचानक प्रशिक्षण की सूचना मिलने से शिक्षकों को काफी दिक्कत होती थी।
प्रशिक्षण के दौरान शिक्षकों को दिन में तीन बार बायोमेट्रिक हाजिरी लगानी होगी। सुबह, दोपहर और शाम को हाजिरी अनिवार्य है। यह इसलिए जरूरी है ताकि शिक्षक पूरा प्रशिक्षण लें। पहले सिर्फ एक बार हाजिरी लगानी होती थी। इसके कारण कुछ शिक्षक हाजिरी लगाकर चले जाते थे। अब तीन बार हाजिरी से यह सुनिश्चित होगा कि शिक्षक पूरे समय प्रशिक्षण में उपस्थित रहें। हाजिरी के आधार पर ही प्रशिक्षण पूरा माना जाएगा और प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा। अगर किसी शिक्षक की बायोमेट्रिक हाजिरी नहीं होती है, तो उनका प्रशिक्षण अधूरा माना जाएगा। और उनसे इसका कारण पूछा जाएगा।
डॉ एस सिद्धार्थ ने SCERT के निदेशक को इस बारे में पत्र लिखा है। SCERT का पूरा नाम राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद है। SCERT के निदेशक सभी जिलों के DEO को निर्देश देंगे। DEO यानी जिला शिक्षा पदाधिकारी। DEO इस नियम को लागू करवाएंगे। इससे सभी जिलों में एक साथ यह नियम लागू हो जाएगा।