नीतीश सरकार ने चुनाव से पहले खोला नौकरी का पिटारा, बिहार में अब जॉब ही जॉब; जानें सबकुछ

Bihar Cabinet Meeting: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में 41 प्रस्तावों पर मुहर लगी है

पटना: चुनाव से पहले नीतीश सरकार ने बिहार में नौकरियों और विकास की झड़ी लगा दी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में 41 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। इन प्रस्तावों में युवाओं को रोजगार, महिलाओं को स्वरोजगार, पत्रकारों को पेंशन और किसानों के लिए कई योजनाएं शामिल हैं। सरकार का लक्ष्य है कि इन योजनाओं से प्रदेश का विकास हो और लोगों को फायदा मिले।

बिहार सरकार युवाओं को रोजगार देने के लिए युवा आयोग में 6 नए पद बनाएगी। ग्रामीण लड़कियों को अपना व्यवसाय शुरू करने में मदद करने के लिए कन्या उद्योग योजना को मंजूरी दी गई है। पत्रकारों के लिए पेंशन की राशि 6,000 रुपये से बढ़ाकर 15,000 रुपये प्रति माह कर दी गई है। खिलाड़ियों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए राजगीर खेल अकादमी के लिए 1100 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। माताओं और बच्चों के पोषण को बेहतर बनाने के लिए NIHER, आंगनबाड़ी एवं पोषण योजना 2.0 के लिए 115 करोड़ रुपये दिए गए हैं।

बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए राम मनोहर लोहिया पथ के निर्माण के लिए 675.50 करोड़ रुपये, छपरा फ्लाईओवर के लिए 696.26 करोड़ रुपये और एम्स पटना से दीघा तक रेल व सड़क पुल के निर्माण को मंजूरी दी गई है। कैबिनेट ने गन्ना उद्योग से जुड़े नियमों और कृषि अधिकारियों की नियुक्ति को भी मंजूरी दी है। मुंगेर के सीताकुंड मेले को राष्ट्रीय मेले का दर्जा दिया गया है।

सरकार ने काम में लापरवाही बरतने वाले 7 डॉक्टरों को नौकरी से निकाल दिया है। सरकार का कहना है कि वह स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाना चाहती है। इन फैसलों से पता चलता है कि नीतीश सरकार बिहार के विकास के लिए गंभीर है। सरकार का मानना है कि इन योजनाओं से समाज मजबूत होगा और लोगों को रोजगार, बेहतर पोषण और अच्छी सड़कें मिलेंगी।

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