बिहार के 81000 स्कूलों के लिए जारी हो गया कड़क '15 फरमान', लापरवाही किए तो नपना तय है!

Bihar Education Department: बिहार के सरकारी विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने हेतु नए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। छात्रों को अनुशासन और सुविधाओं के साथ आना होगा। शिक्षकों को कक्षा में नैतिक मूल्यों की शिक्षा देने और छात्रों का मूल्यांकन करने की जिम्मेदारी भी मिलेगी।

पटना: बिहार के सरकारी स्कूलों में अब नया दौर शुरू होने वाला है। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए नए नियम बनाए हैं। इन नियमों से स्कूलों में अनुशासन बढ़ेगा और बच्चों का भविष्य बेहतर होगा। 81 हजार स्कूलों में यह नियम लागू होंगे। बच्चों को पूरी तैयारी के साथ स्कूल आना होगा और शिक्षकों को भी समय से आना होगा। ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर हाजिरी भी लगानी होगी।

दरअसल, बिहार के सरकारी स्कूलों में अब पढ़ाई का माहौल बदलेगा। नए नियमों के तहत, बच्चों को किताबें, कॉपी, पानी की बोतल, पेंसिल बॉक्स और साफ-सुथरी यूनिफॉर्म में स्कूल आना होगा। शिक्षकों को भी क्लास शुरू होने से 10 मिनट पहले स्कूल पहुंचकर ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर अपनी हाजिरी लगानी होगी। ACS एस सिद्धार्थ ने बताया कि स्कूलों में अब अच्छी व्यवस्था होगी। बच्चों की हाजिरी, पढ़ाई, साफ-सफाई, क्लास की व्यवस्था और माता-पिता से बातचीत पर ध्यान दिया जाएगा। छोटे बच्चों को आगे और बड़े बच्चों को पीछे बिठाने का नियम भी लागू होगा ताकि क्लास में अनुशासन बना रहे।

शिक्षकों की जिम्मेदारी भी बढ़ गई है। उन्हें अब सिर्फ पढ़ाई ही नहीं, बल्कि बच्चों को अच्छे संस्कार भी सिखाने होंगे। हर शिक्षक को पाठ योजना के हिसाब से पढ़ाना होगा, होमवर्क देना होगा और हफ्ते में टेस्ट लेना होगा। हर तीन महीने में बच्चों का प्रगति कार्ड भी बनाना होगा, ताकि उनकी पढ़ाई का सही आकलन हो सके। ACS एस सिद्धार्थ के अनुसार, स्कूलों में एक मजबूत प्रबंधन प्रणाली लागू की जाएगी। छात्र की उपस्थिति, उनकी शैक्षिक गतिविधियां, सफाई, कक्षा की व्यवस्था और बच्चों के माता-पिता से संवाद को प्रमुखता दी जाएगी।

अंग्रेजी भाषा पर भी खास ध्यान दिया जाएगा। शिक्षकों को बच्चों की अंग्रेजी सुधारने पर जोर देना होगा। इससे बच्चों के करियर के अच्छे मौके मिलेंगे और वे दुनियाभर में मुकाबला कर सकेंगे।

नए नियमों का पालन करना जरूरी है। जो स्कूल या शिक्षक इन नियमों को नहीं मानेंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। एस सिद्धार्थ ने कहा कि नए दिशा-निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा और जो स्कूल या शिक्षक इन नियमों की अनदेखी करेंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इन नए नियमों से बिहार में शिक्षा का स्तर सुधरेगा और बच्चों का भविष्य उज्जवल बनेगा। यह बदलाव बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए बहुत जरूरी है।

माना जा रहा है कि यह कदम बिहार में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने और छात्रों के पढ़ाई के सफर को और भी बेहतर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा। इससे बच्चों का पूरा विकास होगा और उनका भविष्य उज्जवल बनेगा। सरकार को उम्मीद है कि इन नियमों से बिहार के सरकारी स्कूलों में पढ़ाई का माहौल बदलेगा और बच्चों को बेहतर शिक्षा मिलेगी। यह पहल बिहार के शिक्षा क्षेत्र में एक नई क्रांति ला सकती है।

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