बिहार शिक्षा विभाग ने सोमवार को 16 शिक्षकों की सेवा समाप्त कर दी। ये शिक्षक सक्षमता परीक्षा का फॉर्म भरने में फर्जी पाए गए थे। डीपीओ स्थापना संजय कुमार यादव ने नियोजन समिति को पत्र जारी कर कार्रवाई के निर्देश दिए। इन शिक्षकों पर आरोप है कि इन्होंने फर्जी तरीके से परीक्षा पास की और काउंसलिंग में भी शामिल नहीं हुए। विभाग ने इन शिक्षकों को अपना पक्ष रखने का मौका दिया था, लेकिन वे पेश नहीं हुए। अब इन शिक्षकों की खोज की जा रही है और उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गई है।

शिक्षा विभाग ने बांका जिले में 16 फर्जी शिक्षकों की सेवा समाप्ति का आदेश जारी किया है। ये सभी शिक्षक पंचायत और प्रखंड नियोजन समिति के तहत नियुक्त हुए थे। सक्षमता परीक्षा के लिए आवेदन करते समय इनकी फर्जीवाड़ा सामने आया था। जांच में पाया गया कि इनके द्वारा दिए गए पात्रता परीक्षा के क्रमांक दूसरे शिक्षकों से मेल खाते थे। विभाग ने इन शिक्षकों को अपना पक्ष रखने के लिए पटना बुलाया था, लेकिन ये पेश नहीं हुए। यहां तक कि संबंधित स्कूल के प्रधानाध्यापकों को भी इन्हें पटना लाने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन फिर भी ये शिक्षक जांच में शामिल नहीं हुए।

सक्षमता काउंसलिंग के बाद विभाग ने इन फर्जी शिक्षकों की तलाश शुरू कर दी। इन शिक्षकों पर सेवा समाप्ति की कार्रवाई शुरू हो गई है। डीपीओ स्थापना संजय कुमार यादव ने सभी संबंधित नियोजन समितियों को अलग-अलग पत्र जारी कर कार्रवाई करने को कहा है। जानकारी के मुताबिक, जांच शुरू होने के बाद से ही ज्यादातर शिक्षक पिछले 9-10 महीनों से स्कूल छोड़कर फरार हैं। विभाग ने इनका वेतन भी रोक दिया है।

फर्जी पाए गए शिक्षकों की सूची में स्वाति प्रिया (पीएस रीगा बांका), अमित कुमार (यूएमएस पैदापुर), अविनाश कुमार (एनपीएस चंदननगर, बांका), चंदा कुमार (पीएस महादेवपुर), दीपक कुमार (यूएमएस खजूरकोरामा), कंचन कुमारी (वृंदावन विद्यालय रजौन), मंजीत कुमार (यूएमएस दोमुहान), मीनाक्षी कुमारी (एनपीएस घोषपुर रामटोला), मुकेश कुमार सहनी (बुनियादी विद्यालय भतकुंडी), नीलम कुमारी (एनपीएस कारीकादो), नेहा कुमारी (एनपीएस मड़पा रजौन), नीतेश कुमार (एनपीएस उष्टीगोड़ा फुल्लीडुमर), पायल सिंह (यूएमएस लकड़ीकोला), प्रज्ञा पाठक (पीएस सिमराटांड चांदन), सिम्पी कुमारी (एनपीएस बलुआ यादव टोला), और सुमन कुमारी (एनपीएस सिझुआ अमरपुर) के नाम शामिल हैं।

डीपीओ स्थापना संजय कुमार यादव ने कहा कि सक्षमता परीक्षा का फॉर्म भरने के दौरान जिले में कुछ शिक्षक फर्जी पाए गए थे। अंतिम जांच के बाद 16 शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश मिला है। इस आधार पर उनकी सेवा समाप्ति के लिए नियोजन समिति को लिखा गया है। इन शिक्षकों की सेवा विद्यालय में किसी कीमत पर नहीं ली जानी है।