बिहार के शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने फर्जी प्रमाणपत्रों पर नौकरी करने वाले शिक्षकों को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि दशहरा के बाद ऐसे शिक्षकों पर कार्रवाई की जाएगी। यह कार्रवाई जांच रिपोर्ट के आधार पर होगी। शिक्षा मंत्री ने सोमवार को पटना में यह बात कही। शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि फर्जी शिक्षकों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने बताया कि शिक्षकों की काउंसलिंग के बाद उनके प्रमाणपत्रों की जांच की जाएगी। यह जांच गहराई से होगी। अगर किसी भी शिक्षक के दस्तावेजों में गड़बड़ी पाई जाती है तो उनके खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि जांच प्रक्रिया बहुत सख्त होगी। यह प्रक्रिया पारदर्शी भी होगी ताकि कोई भी दोषी बच न सके।

शिक्षा मंत्री ने यह भी बताया कि निगरानी विभाग इस मामले की जांच कर रहा है। उन्होंने कहा कि कई मामलों में कार्रवाई भी हो चुकी है। शिक्षा मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि कुछ शिक्षकों को राहत मिली है। यह राहत उन्हें नैसर्गिक न्याय के तहत मिली है। लेकिन अगर वे दोषी पाए गए तो उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। सुनील कुमार ने कहा कि शिक्षा विभाग ने फर्जी नियुक्तियों को रोकने के लिए कड़ी प्रक्रिया बनाई है। उन्होंने कहा कि निगरानी विभाग की रिपोर्ट आने के बाद दोषी पाए गए शिक्षकों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। जिन शिक्षकों ने गलत तरीके से नौकरी हासिल की है, उन्हें अपनी नौकरी गंवानी पड़ सकती है।

अनुकंपा नियुक्तियों के बारे में पूछे जाने पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि 6421 पदों पर नियुक्ति के लिए मंत्रिमंडल से मंजूरी मिल चुकी है। उन्होंने बताया कि जल्द ही इस प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा। शिक्षा की गुणवत्ता पर जोर देते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि राज्य के शिक्षकों को साल में दो बार ट्रेनिंग दी जाएगी। उन्होंने कहा कि यह ट्रेनिंग शिक्षकों को आधुनिक शिक्षण पद्धतियों से अवगत कराने के लिए होगी। इससे विद्यार्थियों के लिए बेहतर माहौल बनाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है। इससे राज्य के बच्चों को बेहतर शिक्षा मिल सकेगी।