बिहार के गोपालगंज में 589 शिक्षकों की नौकरी खतरे में है क्योंकि उनके प्रमाणपत्रों की प्रामाणिकता पर सवाल उठे हैं। जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) योगेश कुमार ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इन प्रमाणपत्रों की दोबारा जांच के लिए एक समिति बनाई है। यह जांच 3 अक्टूबर से 17 अक्टूबर तक चलेगी। अगर प्रमाणपत्र फर्जी पाए जाते हैं तो इन शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।

डीईओ योगेश कुमार ने बताया कि 1 अगस्त से 13 सितंबर के बीच डीआरसीसी बसडीला में सक्षमता पास शिक्षकों के प्रमाणपत्रों का सत्यापन किया गया था। इस दौरान कुछ प्रमाणपत्र संदिग्ध पाए गए। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के निर्देश पर अब जिला स्तर पर तीन सदस्यों वाली एक समिति बनाई गई है जो इन प्रमाणपत्रों की दोबारा जांच करेगी।

यह समिति शिक्षकों द्वारा दिए गए प्रमाणपत्रों की बारीकी से जांच करेगी। अगर जांच में प्रमाणपत्र फर्जी पाए जाते हैं तो संबंधित शिक्षकों के खिलाफ विभागीय और कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस समिति में जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) जमालुद्दीन, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (मध्याह्न भोजन योजना) ब्रजेश कुमार पाल और जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (प्रा. शि. एवं सर्व शिक्षा अभियान) राजन कुमार शामिल हैं।

डीईओ योगेश कुमार ने प्रभारी लिपिक प्रीतम कुमार को निर्देश दिया है कि वे तय समय पर जांच स्थल पर मौजूद रहें और रोजाना की जांच रिपोर्ट संबंधित अधिकारियों को दें। अगर जांच समय पर पूरी नहीं होती है तो इस बारे में फैसला लेने का अधिकार कार्यालय को होगा। गौरतलब है कि हाल ही में कई जिलों में फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर नौकरी करने वाले शिक्षक पकड़े गए हैं। शिक्षा विभाग ऐसे मामलों में लगातार कार्रवाई कर रहा है।