बिहार में सरकारी स्कूल के शिक्षकों के तबादले पर हाईकोर्ट के फैसले के बाद बवाल मच गया है। सरकार ने तबादला प्रक्रिया पर फिलहाल रोक लगा दी है। शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने बताया कि सरकार पहले से ही तबादले की नीति में बदलाव करने पर विचार कर रही थी, लेकिन हाईकोर्ट के फैसले के बाद तुरंत यह प्रक्रिया रोक दी गई है।

मामला शुरू हुआ जब बिहार सरकार ने 7 नवंबर से राज्य भर के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के तबादले की प्रक्रिया शुरू की। शिक्षकों से इसके लिए ऑनलाइन आवेदन मांगे गए थे। तभी कई शिक्षकों ने सरकार की इस नई तबादला नीति को हाईकोर्ट में चुनौती दे दी। मंगलवार को सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट ने याचिका दायर करने वाले शिक्षकों के तबादले पर रोक लगा दी।

इसके बाद शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने मीडिया से बातचीत में बताया कि सरकार तबादले की नीति में बदलाव करने पर पहले से ही विचार कर रही थी और अब हाईकोर्ट का फैसला भी आ गया है। इसलिए फिलहाल तबादला प्रक्रिया पर रोक लगाई जा रही है। मंत्री ने कहा कि हमने अभी हाईकोर्ट का फैसला नहीं देखा है, लेकिन सरकार ने अपने स्तर से फैसला लिया कि तत्काल शिक्षकों के ट्रांसफर-पोस्टिंग को रोक दिया जाए।

नई तबादला नीति में नियोजित शिक्षकों के तबादले का प्रावधान नहीं है। हालांकि, राज्य सरकार ने नियोजित शिक्षकों को सक्षमता परीक्षा के जरिए सरकारी कर्मचारी बनने का मौका दिया है। इस परीक्षा के दो चरण हो चुके हैं लेकिन अभी भी लाखों शिक्षक इसमें शामिल नहीं हो पाए हैं। शिक्षा मंत्री ने कहा कि नियोजित शिक्षकों को भी सक्षमता परीक्षा पास कर तबादले का मौका मिलना चाहिए। सरकार इस पर भी विचार कर रही है। इसलिए फिलहाल तबादला प्रक्रिया को रोक दिया गया है।

शिक्षक संगठनों ने भी नई तबादला नीति पर कई सुझाव दिए हैं। सरकार इन सुझावों पर भी विचार कर रही है। सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद ही तबादला नीति में बदलाव किया जाएगा। शिक्षा मंत्री ने साफ किया कि शिक्षकों के तबादले से जुड़े सभी सवालों पर विचार करने के बाद ही दोबारा यह प्रक्रिया शुरू की जाएगी। शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार ट्रांसफर-पोस्टिंग के नियमों में कुछ बदलाव भी करने जा रही है।