बिहार की राजधानी पटना के अधिवेशन भवन में एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नियोजित शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दिए और एक बड़ी घोषणा की। उन्होंने कहा कि नियोजित शिक्षक जहां हैं, वहीं रहेंगे। इसका मतलब है कि विशिष्ट शिक्षक बनने के बाद उनका तबादला नहीं होगा।

दरअसल, बिहार सरकार ने सक्षमता परीक्षा पास करने वाले 114138 नियोजित शिक्षकों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दे दिया है। इस मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद 200 शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दिए। बाकी शिक्षकों को उनके जिलों में नियुक्ति पत्र दिए गए। नियुक्ति पत्र पाने वाले शिक्षक अब 'विशिष्ट शिक्षक' कहलाएंगे और उन्हें BPSC शिक्षकों की तरह सारे लाभ मिलेंगे।

नियुक्ति पत्र मिलने के बाद ये शिक्षक अब सरकारी कर्मचारी बन गए हैं। पहले उन्हें चिंता थी कि तबादला होगा या नहीं। लेकिन मुख्यमंत्री ने साफ कर दिया कि नियोजित शिक्षक जहां हैं, वहीं रहेंगे। इससे शिक्षकों को बड़ी राहत मिली है।

इस कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी, शिक्षा मंत्री सुनील कुमार, शिक्षा विभाग के ACS एस सिद्धार्थ और दूसरे अधिकारी मौजूद रहे। पटना में मुख्यमंत्री ने 200 शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दिए, जबकि पूरे राज्य में 114138 शिक्षकों को सरकारी नौकरी मिली है।