नई दिल्ली: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत और रूस के बीच घनिष्ठ संबंधों को दर्शाते हुए कहा कि मॉस्को और नई दिल्ली के बीच के संबंध "विशेष रूप से विशेषाधिकार प्राप्त" और "गतिशील रूप से विकसित हो रहे" हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय बैठक के दौरान यह टिप्पणी की गई। बैठक में एक पल ऐसा भा आया जब रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें लगता है कि दोनों देशों के बीच "मजबूत" संबंध इतने मजबूत हैं कि ट्रांसलेटर की जरूरत नहीं।

पुतिन ने कहा, "हमारे संबंध इतने मजबूत हैं कि मुझे लगता है कि आप मुझे बिना अनुवाद के समझ जाएंगे।" इस टिप्पणी पर पीएम मोदी अपनी हंसी रोक नहीं सके। पुतिन ने कई मौकों पर मोदी को अपना "अच्छा मित्र" कहा है। पुतिन के जवाब में पीएम मोदी ने कहा, "पिछले तीन महीनों में रूस की मेरी यात्रा हमारी निकट समन्वय और गहरी दोस्ती को दर्शाती है।

जुलाई में मॉस्को में आयोजित वार्षिक शिखर सम्मेलन ने हमारे सहयोग को सभी क्षेत्रों में और मजबूत किया है।" भारत रूस की मित्रता काफी पुरानी है। जिसने इसके आर्थिक विकास और सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह द्विपक्षीय बैठक तीन महीने बाद हो रही है जब पीएम मोदी ने जुलाई में मॉस्को में पुतिन के साथ एक अनौपचारिक बैठक की थी, जिसने अमेरिका और यूक्रेन में हलचल मचा दी थी, जो रूस के साथ युद्ध में लगे हुए हैं।

पुतिन ने आगे कहा, "मुझे हमारी जुलाई की बैठक याद है, जब हमने कई मुद्दों पर अच्छी चर्चा की थी, और हमने कई बार फोन पर भी बात की। मैं आपको बहुत धन्यवाद देता हूं कि आपने कज़ान आने के मेरे निमंत्रण को स्वीकार किया।" वहीं आज दुनिया भर कि निगाहें इस बात पर टिकी हैं जब भारत के प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात होगी।