भारत की फटकार पर भी नहीं मान रहा बांग्लादेश, हिंदुओं पर अत्याचार के बाद आया ये बयान
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमलों को लेकर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी, खासतौर पर इस्कॉन मंदिर के पुजारी की गिरफ्तारी पर। बांग्लादेश के धार्मिक सलाहकार डॉ. खालिद हुसैन ने इसे विदेशी साजिश बताया और धार्मिक सौहार्द बनाए रखने का दावा किया। भारत ने अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है।
नई दिल्ली: बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों को लेकर मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार आलोचना के केंद्र में है। हाल ही में चटगांव के इस्कॉन मंदिर के पुजारी चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी ने भारत को कड़ी प्रतिक्रिया देने पर मजबूर कर दिया। भारतीय विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा पर चिंता जताई थी। अब इस मुद्दे पर बांग्लादेश सरकार के धार्मिक मामलों के सलाहकार डॉ. एएफएम खालिद हुसैन का बयान आया है, जिसमें उन्होंने इसे विदेशी साजिश करार दिया है।
डेली ऑब्जर्वर की रिपोर्ट के अनुसार, खालिद हुसैन ने कहा कि सरकार, देशवासियों के साथ मिलकर, देश के खिलाफ चल रही स्थानीय और विदेशी साजिशों को विफल करेगी। उन्होंने कहा, "कुछ स्वार्थी तत्व हमारे धार्मिक सौहार्द को खत्म करने और अशांति फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन सरकार इन साजिशों को नाकाम करने के लिए प्रतिबद्ध है।" उन्होंने बांग्लादेश को एक धर्मनिरपेक्ष देश बताते हुए कहा कि यहां सभी धर्मों के लोग अपने संवैधानिक अधिकारों के तहत धार्मिक स्वतंत्रता का आनंद लेते हैं।
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने पहले कहा था कि भारत ने बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों का मुद्दा मजबूती से उठाया है। उन्होंने कहा, "बांग्लादेश की अंतरिम सरकार को अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए। इन घटनाओं को मीडिया की मनगढ़ंत कहानियां बताकर खारिज नहीं किया जा सकता।
हम यह दोहराते हैं कि बांग्लादेश सरकार को सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने होंगे।" डॉ. खालिद ने आश्वासन दिया कि सरकार उचित जांच कर साजिशकर्ताओं को सजा दिलाएगी, चाहे वे कोई भी हों।