नई दिल्ली: बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के नेता और नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस ने घोषणा की है कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के महल को एक म्यूजियम में तब्दील किया जाएगा, जो उनकी सत्ता से हटने वाले क्रांतिकारी आंदोलन की यादें ताजा करेगा। यूनुस ने सोमवार कहा कि यह संग्रहालय शेख हसीना के कथित कुशासन और उनके खिलाफ जनाक्रोश को दर्शाएगा, जिसने उन्हें सत्ता से बेदखल किया।

शेख हसीना को देश से भागने के लिए मजबूर करने वाले छात्र-नेतृत्व वाले विद्रोह के बाद, 84 वर्षीय मुहम्मद यूनुस को देश का कार्यवाहक नियुक्त किया गया था। 15 वर्षों के शासनकाल में, शेख हसीना पर व्यापक मानवाधिकार उल्लंघनों का आरोप लगा, जिसमें राजनीतिक विरोधियों की बड़े पैमाने पर गिरफ्तारी और गैर-न्यायिक हत्याएं शामिल थीं।

इस महीने बांग्लादेश की एक अदालत ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया। हसीना के पतन से पहले, 700 से अधिक लोग पुलिस की क्रूर कार्रवाई में मारे गए थे। उनके भागने के बाद, हजारों लोगों ने उनके पूर्व निवास पर धावा बोला, जिसे सरकार ने "दमन का प्रतीक" कहा।

हसीना के भाग जाने के बाद महल की दीवारों पर बर्बरता और लूटपाट के निशान हैं, जिसमें उनके शासन के खिलाफ नारे लिखे गए हैं। यूनुस ने कहा यह म्यूजियम सहन किए गए अत्याचार की याद दिलाएगा। शेख हसीना इस वक्त भारत में शरण लिए हुए हैं। वहीं शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद भी अब तक देश में हालात सामान्य नहीं हुए हैं। हाल ही में वहां के राष्ट्रपति के दिए एक बयान के बाद दोबारा से हिंसा भड़क उठी थी।