नई दिल्ली: ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते झगड़े ने पूरी दुनिया को टेंशन में डाल दिया है। इजरायल की ओर से टारगेट स्ट्राइक जारी है वहीं ईरान भी इजरायल के साथ संभावित युद्ध की तैयारी कर रहा है। ईरान ने सशस्त्र बलों को युद्ध के लिए तैयार रहने का आदेश दिया है, साथ ही साथ वह इसे टालने की भी कोशिश कर रहा है। खासकर तब जब उसने लेबनान और गाजा में अपने सहयोगियों की तबाही देखी है।

इस सप्ताह चार ईरानी अधिकारियों ने टेलीफोन इंटरव्यू में बताया कि सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह अली खामेनेई ने सैन्य बलों को इजरायल के हमले का जवाब देने के लिए सैन्य योजनाएं तैयार करने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि ईरान की ओर से किसी भी तरह की प्रतिक्रिया का पैमाना इजरायल के हमलों की गंभीरता पर निर्भर करेगा। अधिकारियों ने कहा कि अगर इजरायली हमले, जो इस महीने की शुरुआत में ईरान की तरफ से मिसाइलों की बौछार का जवाब होगा या व्यापक क्षति और नुकसान होगा तो ईरान जवाबी कार्रवाई करेगा।

लेकिन अगर इजरायल अपने हमले को कुछ जगहों तक सीमित रखता है, तो संभवतः ईरान कोई प्रतिक्रिया नहीं देगा।अधिकारियों ने कहा कि अयातुल्लाह खामेनेई ने निर्देश दिया है कि यदि इजरायल तेल और ऊर्जा ढांचे, परमाणु सुविधाओं, या वरिष्ठ अधिकारियों को निशाना बनाता है, तो प्रतिक्रिया निश्चित होगी।

इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स के दो सदस्यों सहित अधिकारियों ने बताया कि यदि इजरायल बड़ा नुकसान पहुंचाता है, तो जवाब दिया जाएगा। ईरान सार्वजनिक रूप से यह बताना चाह रहा है कि वह युद्ध नहीं चाहता।

ईरान की ओर से कहा गया है कि इजरायली हमले की स्थिति में, हमारी प्रतिक्रिया का स्वरूप अनुपातिक और हमले के अनुसार होगा। ईरान और इजरायल के बीच यु्द्ध हुआ तो गाजा और लेबनान में संघर्षविराम की किसी भी संभावना को यह खतरे में डाल देगा, साथ ही साथ इसमें कुछ और देश भी कूद सकते हैं।