नई दिल्ली: मिडिल ईस्ट में जारी तनाव के बीच इजरायल की ओर से ईरान पर हमले की योजना को लेकर स्थिति और गंभीर हो गई है। वहीं इस तनाव के बीच ईरान ने खाड़ी के अरब देशों को चेतावनी दी है कि वे अपनी हवाई सीमा या सैन्य अड्डों का इस्तेमाल इजरायल द्वारा किसी हमले के लिए न करने दें। एक ईरानी अधिकारी ने कहा कि अगर कोई भी खाड़ी देश इजरायल को सहायता प्रदान करता है, तो इसे अस्वीकार्य माना जाएगा और ईरान इसका जवाब देगा।

इस अधिकारी ने एक समाचार एजेंसी को बताया कि ईरान ने साफ कर दिया है कि अगर किसी खाड़ी देश द्वारा तेहरान के खिलाफ कोई कार्रवाई की जाती है, चाहे वह हवाई क्षेत्र के उपयोग से हो या सैन्य अड्डों के माध्यम से, तो इसे उस देश की ओर से की गई कार्रवाई के रूप में देखा जाएगा, और ईरान इसका जवाब देगा। वहीं खाड़ी देशों को डर है कि अगर वे इजरायल के पक्ष में खड़े होते हैं, तो ईरान उनके तेल उत्पादन सुविधाओं पर हमला कर सकता है।

इस संदेश में क्षेत्रीय एकता की आवश्यकता और स्थिरता बनाए रखने पर जोर दिया गया है। इसमें यह भी स्पष्ट किया गया है कि इजरायल को किसी प्रकार की सहायता देना, जैसे कि ईरान के खिलाफ किसी कार्रवाई के लिए हवाई क्षेत्र का उपयोग करने देना, अस्वीकार्य होगा। 1 अक्टूबर को ईरान ने इजरायल पर लगभग 200 रॉकेट दागे, जिनमें से अधिकांश को इजरायली रक्षा सिस्टम ने नष्ट कर दिया। यह हमला हिज़बुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह की हत्या और लेबनान और गाजा में इजरायल की सैन्य कार्रवाइयों के जवाब में किया गया था।

खबरों के मुताबिक, इजरायल जवाबी कार्रवाई की तैयारी कर रहा है। तनाव को बढ़ता देख खाड़ी देशों ने संयुक्त राज्य अमेरिका से आग्रह किया है कि वह इजरायल को ईरान की तेल सुविधाओं पर हमला करने से रोके। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और कतर ने इजरायल को अपने हवाई क्षेत्र का उपयोग करने से मना कर दिया है और इस स्थिति से वाशिंगटन को भी अवगत कराया है।