नई दिल्ली: ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव ने एक बार फिर से मध्य पूर्व में अशांति का माहौल बना दिया है। इस बार, ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल हमले के जवाब में इजरायल की संभावित प्रतिक्रिया को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। अमेरिका इस स्थिति पर नजर बनाए हुए है, लेकिन अभी तक इजरायल ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि क्या वह ईरान के परमाणु ठिकानों को निशाना बनाएगा या नहीं।

अमेरिकी विदेश विभाग के एक शीर्ष अधिकारी ने एक मीडिया चैनल को बताया कि इजरायल ने बाइडेन प्रशासन को यह आश्वासन नहीं दिया है कि वह ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला नहीं करेगा।अमेरिकी अधिकारियों ने सार्वजनिक रूप से इजरायल के ईरान के मिसाइल हमले का जवाब देने के अधिकार का समर्थन किया है, लेकिन साथ ही उन्होंने क्षेत्रीय संघर्ष बढ़ने की चिंता भी जताई है।

राष्ट्रपति जो बाइडेन ने स्पष्ट किया है कि अमेरिका इजरायल द्वारा ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर हमला करने का समर्थन नहीं करेगा। शुक्रवार को प्रेस वार्ता में बाइडेन ने कहा कि यदि मैं उनकी जगह होता, तो तेल क्षेत्रों को निशाना बनाने के बजाय अन्य विकल्पों पर विचार करता।हालांकि, अमेरिकी अधिकारियों को अभी तक यह क्लियर नहीं है कि इजरायल कब और कैसे प्रतिक्रिया देगा।

विदेश विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि इजरायल 7 अक्टूबर को हुए हमास के हमले की पहली बरसी पर जवाबी हमला करने से बच सकता है, ताकि उस दिन की गंभीरता पर ध्यान केंद्रित किया जा सके। संभव है कि अगर कोई कार्रवाई होती है, तो वह या तो उससे पहले होगी या उसके बाद।

अमेरिका और इजरायल के बीच उच्च स्तरीय बातचीत जारी है। इजरायल और अमेरिका दोनों इस बात पर विचार कर रहे हैं कि ईरान के हमले का जवाब कैसे दिया जाए, और इसका असर पूरे क्षेत्र पर क्या होगा।