नई दिल्ली: इजरायल ने हमास और हिजबुल्लाह के खिलाफ अभियान तेज करने के बाद अब सीरिया में ईरान और उसके प्रॉक्सी चरमपंथी संगठनों पर हमले बढ़ा दिए हैं। इजरायली वायु सेना ने हाल के दिनों में दमिश्क और आसपास के इलाकों में कई हमले किए हैं, जिन्हें वह "ईरानी ऑक्टोपस" का नेटवर्क मानता है। इन संगठनों को इजरायल चारों तरफ से अपनी सुरक्षा के लिए खतरा मानता है।

हालिया हमले शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन इजरायली वायु सेना ने सीरिया की राजधानी दमिश्क के मेजेह इलाके को निशाना बनाया। एक दिन पहले गुरुवार को मेजेह और कादिसियाह पर हुए हमलों में 15 लोग मारे गए थे। इन इलाकों में पहले हमास और इस्लामिक जिहाद के ठिकाने थे, लेकिन अब यहां ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड और हिजबुल्लाह के प्रतिनिधि सक्रिय हैं।

इजरायल ने गुरुवार के हमलों में सैन्य ठिकानों और इस्लामिक जिहाद के मुख्यालय को निशाना बनाने का दावा किया। वहीं, शुक्रवार के हमलों पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया। हाल ही में इजरायली रक्षा बलों (IDF) ने सीरिया-लेबनान सीमा पर हिजबुल्लाह को हथियार सप्लाई करने वाले एक क्रॉसिंग पर हमला किया। IDF के अनुसार, इस हमले ने हिजबुल्लाह की "यूनिट 4400" की क्षमता को बुरी तरह प्रभावित किया है।

हिजबुल्लाह और ईरानी नेटवर्क पर फोकस यूनिट 4400 ईरान से सीरिया और लेबनान तक हथियार सप्लाई का जिम्मा संभालती है, जिसका इस्तेमाल हिजबुल्लाह इजरायल के खिलाफ करता है। इजरायली सेना ने 10 दिन पहले दमिश्क में हिजबुल्लाह के खुफिया मुख्यालय से जुड़ी संपत्तियों पर भी हमला किया था। इससे पहले, बेरूत में हिजबुल्लाह के खुफिया प्रमुख हुसैन अली हजिमा की हत्या ने भी खलबली मचा दी थी।


इजरायल का कहना है कि वह ईरान और उसके प्रॉक्सी संगठनों की गतिविधियों को रोकने के लिए इन हमलों को अंजाम दे रहा है। दमिश्क में ईरानी प्रभाव को खत्म करना और हथियारों की सप्लाई श्रृंखला को बाधित करना इसका मुख्य उद्देश्य है। इन लगातार हमलों ने क्षेत्र में तनाव और बढ़ा दिया है।