नई दिल्ली: शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन से पहले पाकिस्तान में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। पाकिस्तान इस हफ्ते शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन की मेज़बानी के लिए तैयार है, लेकिन देश में हालिया उग्रवाद और राजनीतिक अस्थिरता ने सुरक्षा चिंताओं को बढ़ा दिया है। इस्लामाबाद में मंगलवार से शुरू होने वाले दो दिवसीय सम्मेलन में भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर, रूस के प्रधानमंत्री मिखाइल मिशुस्तिन और चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग सहित कई महत्वपूर्ण क्षेत्रीय नेता शामिल होंगे।

मुश्किल वक्त में पाकिस्तान में हो रहा आयोजन


सम्मेलन ऐसे समय में हो रहा है जब पाकिस्तान गंभीर चुनौतियों का सामना कर रहा है। देश में बढ़ते आतंकवादी हमले, राजनीतिक अस्थिरता और आर्थिक संकट ने हालात को और जटिल बना दिया है। सम्मेलन से पहले सरकार ने राजधानी में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। विरोध प्रदर्शनों को रोकने के लिए कड़े कानून लागू किए गए हैं और इमरान खान के समर्थकों की गिरफ्तारी भी तेज़ हो गई है, जिन्होंने हाल ही में इस्लामाबाद में प्रदर्शन करने का प्रयास किया था। कराची में चीनी इंजीनियरों के काफिले पर हुए हमले ने सुरक्षा चिंताओं को और बढ़ा दिया है।

पाकिस्तान के हालात से चीन भी परेशान

चीन, पाकिस्तान का सबसे बड़ा निवेशक है और वह यहां करोड़ों डॉलर की परियोजनाओं में शामिल है। अलगाववादी समूह अक्सर चीनी नागरिकों को निशाना बनाते हैं, जिससे चीन-पाकिस्तान के बीच आर्थिक संबंधों पर भी खतरा मंडरा रहा है। इसे देखते हुए सरकार ने सम्मेलन के दौरान इस्लामाबाद में सैनिकों की तैनाती को मंजूरी दे दी है। सुरक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, यह सम्मेलन पाकिस्तान के लिए अत्यधिक महत्व रखता है। पाकिस्तान के लिए यह महत्वपूर्ण है कि सम्मेलन शांतिपूर्वक संपन्न हो, क्योंकि यह देश की सुरक्षा स्थिति पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

इमरान की पार्टी ने बढ़ा दी चुनौती

SCO, जिसमें चीन, भारत, रूस, पाकिस्तान और कई मध्य एशियाई देश शामिल हैं, को एक प्रभावशाली क्षेत्रीय संगठन माना जाता है। हाल के वर्षों में चीन और रूस के पश्चिमी देशों के साथ तनावपूर्ण संबंधों के बीच SCO को एक वैकल्पिक मंच के रूप में देखा जा रहा है। इस्लामाबाद में होने वाले इस शिखर सम्मेलन में व्यापार, मानवीय और सांस्कृतिक मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है। हालांकि, पाकिस्तान की घरेलू राजनीति भी सम्मेलन के दौरान चर्चा का विषय हो सकती है। इमरान खान की पार्टी, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI), ने सम्मेलन के दौरान विरोध प्रदर्शन की धमकी दी है।

लगाए गए कई कड़े प्रतिबंध

पिछले हफ्ते PTI समर्थकों के प्रदर्शनों के कारण राजधानी आंशिक रूप से बंद कर दी गई थी, जिससे सरकारी गतिविधियों पर असर पड़ा था। सरकार ने इस्लामाबाद और रावलपिंडी में तीन दिन की छुट्टी घोषित की है, साथ ही शहर के प्रमुख इलाकों में आवाजाही पर प्रतिबंध भी लगाया है। जहां शिखर सम्मेलन आयोजित होगा उसे रेड जोन घोषित किया गया है और विशेष सुरक्षा घेरे में लिया गया है। इस सम्मेलन से पाकिस्तान की क्षेत्रीय राजनीति में स्थिति और आंतरिक स्थिरता पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है।