नई दिल्ली: डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल करने के बाद ‘डायरेक्टर ऑफ नेशनल इंटेलिजेंस’ (DNI) पद के लिए तुलसी गबार्ड को चुना है। गबार्ड, जो पहले डेमोक्रेटिक पार्टी की सदस्य थीं और चार बार सांसद रह चुकी हैं, 2020 में राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार भी रह चुकी हैं। उन्हें पश्चिम एशिया और अफ्रीका के संघर्षग्रस्त क्षेत्रों में तीन बार तैनात किया गया है।

हाल ही में उन्होंने डेमोक्रेटिक पार्टी को छोड़कर रिपब्लिकन पार्टी में शामिल होने का निर्णय लिया। ट्रंप ने कहा, "मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि पूर्व सांसद लेफ्टिनेंट कर्नल तुलसी गबार्ड DNI के रूप में अपनी सेवाएं देंगी। उन्होंने हमारे देश और सभी अमेरिकियों की स्वतंत्रता के लिए दो दशकों से अधिक समय तक संघर्ष किया है।" ट्रंप ने आगे कहा कि गबार्ड को दोनों दलों में व्यापक समर्थन प्राप्त है और अब वह रिपब्लिकन पार्टी की महत्वपूर्ण सदस्य हैं।

कौन हैं तुलसी गबार्ड?

तुलसी गबार्ड अमेरिका की पहली हिंदू महिला सांसद हैं। वह हिंदू संस्कृति का पालन करती हैं और शपथ ग्रहण के दौरान भगवद गीता का उपयोग कर चुकी हैं। गबार्ड ने पाकिस्तान और बांग्लादेश में हिंदुओं तथा अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ अत्याचार की कड़ी निंदा की है। 2021 में उन्होंने अमेरिकी कांग्रेस में एक प्रस्ताव प्रस्तुत कर बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया था। अपने प्रस्ताव में उन्होंने 1971 में पाकिस्तानी सेना द्वारा बंगाली हिंदुओं पर किए गए अत्याचारों का भी उल्लेख किया और आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान की भूमिका पर सवाल उठाए।

डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका का राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद तुलसी गबार्ड को ‘डायरेक्टर ऑफ नेशनल इंटेलिजेंस’ नियुक्त करने का निर्णय लिया। गबार्ड, जो पहले डेमोक्रेटिक पार्टी में थीं, अब रिपब्लिकन पार्टी का हिस्सा हैं। वह अमेरिका की पहली हिंदू महिला सांसद हैं और अक्सर हिंदू तथा अल्पसंख्यक अधिकारों के मुद्दे उठाती रही हैं।