नई दिल्ली: दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बहुत बढ़ गया है। इस वजह से हवा में बहुत सारे जहरीले तत्व मिल गए हैं। इस प्रदूषण की वजह से अस्थमा के मरीजों को काफी दिक्कत हो रही है। जब हम सांस लेते हैं तो ये जहरीले तत्व हमारे फेफड़ों में चले जाते हैं और अस्थमा के मरीजों के लिए यह और भी खतरनाक होता है। इससे उनके सांस लेने में दिक्कत होती है, खांसी आती है और सीने में दर्द होता है।


अस्थमा क्या है?

अस्थमा एक ऐसी बीमारी है जिसमें सांस की नलियां सूज जाती हैं और सांस लेने में दिक्कत होती है। जब प्रदूषण बढ़ता है तो ये समस्या और गंभीर हो जाती है।

प्रदूषण से अस्थमा क्यों बढ़ता है

हवा में बहुत छोटे-छोटे कण होते हैं जो सांस के साथ फेफड़ों में चले जाते हैं और अस्थमा के मरीजों के लिए ये बहुत हानिकारक होते हैं। प्रदूषण की वजह से सांस की नलियों में सूजन आ जाती है और सांस लेने में दिक्कत होती है।

अस्थमा के मरीज क्या कर सकते हैं?

प्रदूषण का स्तर जानने के लिए एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) ऐप्स का इस्तेमाल करें। जब प्रदूषण का स्तर बहुत ज्यादा हो तो घर के अंदर रहें और खिड़कियां बंद रखें। एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें। एयर प्यूरीफायर हवा को साफ करने में मदद करते हैं।बाहर निकलते समय N95 मास्क पहनें। डॉक्टर की सलाह के अनुसार दवाएं लेते रहें। खूब पानी पिएं।

बाहरी व्यायाम से बचें

जब प्रदूषण ज्यादा हो तो बाहर व्यायाम न करें। अस्थमा के मरीजों को डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए और प्रदूषण से बचाव के लिए उपाय करते रहने चाहिए। दिल्ली में प्रदूषण बहुत बढ़ गया है। प्रदूषण से अस्थमा के मरीजों को बहुत दिक्कत होती है।अस्थमा के मरीजों को प्रदूषण से बचाव के उपाय करने चाहिए।