मुंबई: रिश्तों में हम सब एक ऐसे साथी की तलाश करते हैं जो खुलकर हम से बात करे। कई बार यह भी होता है कि वह बात करना जानता हो लेकिन अपने दर्द को शेयर करने से डरता हो। रिश्तों में इमोशनल इंटीमेसी का गहरा और सार्थक संबंध है जो किसी व्यक्ति का अपने साथ के साथ होता है। दोनों भावनात्मक रूप से एक-दूसरे का समर्थन करते हैं। भरोसा करते हैं। साथ ही एक-दूसरे की बात को सुनते हैं। यही नहीं अपने विचारों और भावनाओं को साझा करते हैं। इसमें दर्दनाक अनुभव भी शामिल होता है। ऐसी गहरी बॉन्डिंग एक-दूसरे को करीब लाने में मदद करता है।

ट्रस्ट डेवलप करें

वहीं, जब आप किसी रिश्ते में होते हैं, तो तुरंत अपने साथी पर भरोसा करना शुरू नहीं करते। भरोसा बनाने में समय लगता है। आप अपने अनुभव साझा करते हैं और अपने जख्म दिखाते हैं तो आप अपने साथ इमोशनल इंटीमेसी को शेयर करते हैं। इस तरह आप एक दूसरे को समझना शुरू करते हैं। इससे एक-दूसरे प्रति जुड़ाव का एहसास होता है। साथ ही समय के साथ विश्वास की नींव तैयार होता है।

आपसी समझ होती है विकसित

इसके साथ ही इमोशनल इंटीमेसी कपल के बीच में आपसी समझ लाती है। जब आप अपने पार्टनर के साथ इमोशनली जुड़ते हैं तो आप उन्हे बेहतर तरीके से समझने लगते हैं। दोनों की आपसी समक्ष आपके के रिश्ते को स्वस्थ और खुशहाल बनाती हैं। इससे झगड़े की संभावना कम हो जाती है। क्योंकि आप अपने पार्टनर को अच्छे से समझने लगते हैं।

इमोशनली सपोर्ट भी करें

इसके साथ ही इमोशनल इंटीमेसी आपके रिश्ते में इमोशनल सपोर्ट बढ़ा सकती हैं। जीवन के उतार-चढ़ावों के एक साथ गुजरने से न केवल साझा अनुभव बनते हैं बल्कि अपने साथी के साथ गहरे स्तर पर बंधन बनाने और उनका समर्थन करने में भी मदद मिलती है।

एक-दूसरे से जुड़ा महसूस करेंगे

वहीं, इमोशनल इंटीमेसी में कपल एक-दूसरे से जुड़ा महसूस करते हैं। इसलिए आप सपोर्ट और मान्यता के लिए उन पर भरोसा करते हैं। जब आप अपने साथी के साथ भावनात्मक स्तर पर जुड़ते हैं तो यह आपको अपने रिश्ते में अधिक सुरक्षित और सेफ महसूस करा सकता है।

खुशहाल जिंदगी की कुंजी है यह

वहीं, इमोशनल इंटीमेसी एक लंबे स्वस्थ और खुशहाल रिश्ते की कुंजी है। यह पार्टनर्स को लंबे समय तक साथ रहने और जीवन के उतार चढ़ावों से एक साथ गुजरने में मदद करती है। यह उन्हें प्यार, देखभाल, समर्थन औरर सुनने का भी एहसास करता है। ये सब रिश्ते को गहरे बनाते हैं।