शारदीय नवरात्र 03 अक्टूबर से शुरू हो रहे हैं और 11 अक्टूबर को समाप्त होंगे। इस दौरान मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। हर दिन मां के एक अलग स्वरूप को समर्पित होता है। धार्मिक मान्यता है कि नवरात्रि के व्रत में खानपान के नियमों का पालन करना बहुत जरूरी है। ऐसा न करने पर साधक को शुभ फल की प्राप्ति नहीं होती है। तो आइए जानते हैं कि शारदीय नवरात्र के व्रत में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं।

नवरात्रि के व्रत में सुबह मां दुर्गा की पूजा-अर्चना के बाद व्रत का संकल्प लेना चाहिए। दिन भर व्रत रखें। व्रत के समय आप समा के चावल की खीर या खिचड़ी खा सकते हैं। साबूदाना भी व्रत के लिए एक अच्छा विकल्प है। इससे आप खिचड़ी बना सकते हैं।

इसके अलावा आप आलू और साबूदाने की सब्जी, मूंगफली, आलू के चिप्स भी खा सकते हैं। कुट्टू के आटे की रोटी भी बना सकते हैं। फल, दूध और दही का सेवन भी व्रत में कर सकते हैं।

शारदीय नवरात्र के व्रत में कुछ चीजों का सेवन करने से बचना चाहिए। जैसे कि लहसुन और प्याज नहीं खाना चाहिए। व्रत के भोजन में साधारण नमक की जगह सेंधा नमक का इस्तेमाल करें। गेहूं और चावल का सेवन भी वर्जित है।

सनातन धर्म में मांस और मदिरा का सेवन वर्जित है, इसलिए नवरात्रि के व्रत में तो इनका सेवन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए।

एक बात का विशेष ध्यान रखें कि व्रत में जो भी खाना बनाएं, पहले उसका भोग मां दुर्गा को जरूर लगाएं। भोग लगाए बिना उसका सेवन न करें। भोग लगाते समय इस मंत्र ( त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये। गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर ) का जप करें। माना जाता है कि मंत्र जप के बिना मां दुर्गा भोग स्वीकार नहीं करती हैं।