प्रेग्नेंसी में ज्यादा नींद आना क्या खतरा है? समझिए क्या है इसका मतलब

Sleeping During Pregnancy: महिलाओं को प्रेग्नेंसी के दौरान ज्यादा नींद आना क्या खतरा होता है। आइए आपको बताते हैं कि इसका मतलब क्या होता है।

मुंबई: किसी भी महिला के लिए प्रेग्नेंसी का सबसे बड़ा सुख होता है। इस दौरान महिलाओं की जिंदगी में कई बदलाव भी होते हैं। इन बदलावों से महिलाएं घबरा जाती भी हैं। बॉडी में इसका सीधा बदलाव दिखने लगता हैं। प्रेंग्नेंसी के दौरान महिला का पीरियड आना बंद हो जाता है। थकान महसूस होने लगता है। साथ ही भूख में भी बदलाव शामिल हैं। इस दौरान बॉडी एक्टिविटी भी चेंज हो जाता है। प्रेंग्नेंसी के दौरान महिलाओं को नींद भी ज्यादा होती है। ऐसे में क्या ज्यादा नींद आना खतरनाक होता है।

इसके साथ ही ज्यादा सुस्ती, थकान होगा, वोमिटिंग और जी मिचलाना, पेट के निचले हिस्से में दर्द होना शामिल है। प्रेग्नेंसी में कुछ महिलाओं के साथ ऐसा होता है कि उन्हें नींद ज्यादा आने लगती है। नींद की वजह से महिलाओं में तरह-तरह की धारणाएं होती है। एक्सपर्ट का कहना है कि यह हॉर्मोनल परिवर्तन होता है। इस दौरान शारीरिक थकान, तनाव और चिंता जो नींद को प्रभावित करती है।

प्रेग्नेंट में महिलाओं को नींद का अनुभव ज्यादा हो सकता है। एक मीडिया संस्थान से बात करते हुए स्त्री विशेषज्ञ डॉ शशिकला तिवारी ने बताया कि प्रेग्नेंसी में कुछ हॉर्मोन निकलते हैं जो प्रेग्नेंसी को प्रोटेक्स करते हैं।यह बच्चों के विकास के लिए माकूल माहौल मुहैया कराते हैं। डॉक्टर ने कहा कि यह प्रेग्नेंसी के लिए अच्छा होता है और प्रेग्नेंसी की हिफाजत करता है। प्रोजेस्ट्रोन हॉर्मोन प्रेग्नेंसी में नींद को बढ़ाता है। यह हॉर्मोन नींद और सुस्ती बढ़ाता है।

उन्होंने कहा कि ज्यादा नींद आना खतरनाक नहीं होता है। प्रेग्नेंसी में नींद आना नॉर्मल माना जाता है। रात में आठ घंटे की नींद के बाद दिन में दो घंटे की नींद बिल्कुल नॉर्मल है। ज्यादा नींद प्रेग्नेंसी को ग्रो करने के लिए अच्छा होता है। बॉडी का मूवमेंट कम होता है तो बच्चे को ज्यादा से ज्यादा खून मिलता है। बच्चा यूट्रस में तेजी से विकास करता है।

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