NDA सरकार ने पास किया बिल, दो से अधिक बच्चों वाले अब लड़ सकेंगे निकाय चुनाव, विरोध में VHP
Andhra Pradesh News: आंध्र प्रदेश में एनडीए सरकार ने एक ऐसा कानून बना दिया है, जिससे दो से अधिक बच्चे होने पर भी लोग स्थानीय चुनाव लड़ सकेंगे। वीएचपी को ये बात रास नहीं आ रही है और उनका कहना है कि इसका फायदा 'जेहादी' उठाएंगे।
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आंध्र प्रदेश में एनडीए सरकार के एक फैसले पर बवाल मच गया है। सरकार ने दो से अधिक बच्चे वालों को भी स्थानीय चुनाव लड़ने की इजाजत दे दी है, जिस पर वीएचपी ने कड़ी आपत्ति जताई है। वीएचपी का कहना है कि इससे 'जेहादी' लोगों को फायदा होगा और देश में जनसंख्या नियंत्रण कानून लाने की मांग की है।
आंध्र प्रदेश विधानसभा ने सोमवार को एक संशोधन बिल पास किया, जिसमें दो से ज्यादा बच्चों वाले लोगों को भी स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने का अधिकार दिया गया है। पहले ऐसा करने पर पाबंदी थी। इस बिल को बिना किसी चर्चा के ही पास कर दिया गया।
मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू का मानना है कि दक्षिण भारत के राज्यों में घटती जन्म दर एक समस्या है और आगे चलकर बुजुर्गों की संख्या बढ़ने से परेशानी होगी। इसलिए अधिक बच्चों को बढ़ावा देना जरूरी है। हालांकि, वीएचपी ने इस फैसले की कड़ी निंदा की है। वीएचपी के राष्ट्रीय संयुक्त महामंत्री सुरेंद्र जैन ने कहा कि यह समय की मांग है कि जनसंख्या नियंत्रण कानून आना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि आंध्र प्रदेश हो या कोई और प्रदेश, हम देखते हैं कि दो से अधिक बच्चे कौन पैदा कर रहा है। वे डेमोग्राफिक इम्बैलेंस की तरफ जाएंगे और दिक्कत होगी। डेमोग्राफिक इम्बैलेंस की चिंता पूरी दुनिया में जताई जा रही है। कुछ लोगों के लिए आबादी बढ़ाना जिहाद है, बाकी लोग अपने बच्चों का भविष्य और उनकी देखभाल ठीक से हो, इस सबका ध्यान रखते हैं। कोई भी सभ्य समाज दो से अधिक बच्चे की तरफ जा रहा हो, ऐसा कहीं नहीं दिखता। इस फैसले का लाभ जेहादी ही ज्यादा लेंगे, बाकी समाज नहीं लेगा।
वीएचपी नेता ने कहा कि जनसंख्या देश के लिए ताकत होती है, लेकिन अगर डेमोग्राफिक इम्बैलेंस बढ़ता है तो यह खतरनाक हो सकता है। उन्होंने पूरे देश के लिए एक समान जनसंख्या नीति की वकालत की। गौरतलब है कि बीजेपी और आरएसएस से जुड़े कई नेता पहले भी जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने की मांग कर चुके हैं। कई बीजेपी सांसद इस बारे में प्राइवेट मेंबर बिल लाने की कोशिश भी कर चुके हैं।