नई दिल्ली: दिवाली से पहले केंद्र की सरकार ने मजदूरों को बड़ा तोहफा दिया है। केंद्र सरकार ने नई वेज नीति को लेकर अधिसूचना जारी कर दी है। गैर संगठित क्षेत्र के मजदूरों की सैलरी बढ़ा दी गई है। अनस्क्लिड मजदूर की सबसे कम सैलरी 783 रुपए होगी। इसके बाद योग्यता के आधार पर मजदूरी बढ़ती जाएगी। महंगाई को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने यह फैसला किया है।

केंद्र ने मजदूरी में किया संशोधन

दरअसल, केंद्र सरकार ने न्यूनतम मजदूरी अधिनियन, 1948 के प्रावधानों के तहत केंद्र और राज्य दोनों सरकारों को अपने अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में कार्यरत श्रमिकों के न्यूनतम वेतन को तय करने, समीक्षा करने और संसोधित करने का अधिकार है।

इन मजदूरों को होगा लाभ

केंद्र सरकार द्वारा न्यूनतम मजदूरी में की गई बढ़ोतरी से भवन निर्माण, लोडिंग, अनलोडिंग, सुरक्षा गार्ड, चौकीदार, हाउसकीपिंग, खनन और कृषि क्षेत्र में लगे श्रमिकों को लाभ मिलेगा। नई मजदूरी की दरें एक अक्टूबर से लागू हो जाएंगी।

अप्रैल में बढ़ी थी न्यूनतम मजदूरी

गौरतलब है कि सराकर ने पिछली बार इस साल अप्रैल में न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी की थी। न्यूनतम या फ्लोर वेज, यह न्यूनतम मजदूरी है जो नियोक्ताओं को श्रमिकों को देना चाहिए। कानून द्वारा संरक्षित है और इसे व्यक्तिगत या विशेष अनुबंधों द्वारा पलटा नहीं जा सकता है।

783 रुपए मिनिमम मजदूरी

अधिसूचना में कहा गया है कि संशोधन के बाद, अकुशल कार्य में कंस्ट्रक्शन वर्क, स्वीपिंग, क्लिनिंग, लोडिंग और अनलोडिंग में लगे श्रमिकों की मिनिमम मजदूरी 783 रुपए प्रतिदिन होगी। यह 20,358 रुपए प्रति माह के दर से होगी।

सेमी स्कि्लड को 868 रुपए प्रतिदिन

वहीं, सेमी स्कि्लड मजदूरों को हर दिन 868 रुपए की दर से मजदूरी मिलेंगे। यह प्रतिमाह 22,568 रुपए होगी। वहीं, क्लर्कियल और बिना हथियार वाले चौकीदारों की न्यूनतम मजदूरी 954 रुपए प्रतिदिन होगी। महीने में उन्हें 24,804 रुपए मिलेंगे।

वहीं, जो हाई स्कि्लड होंगे, उन्हें प्रतिदिन 1035 रुपए मिलेंगे। उन्हें महीने में 26,910 रुपए की सैलरी मिलेगी। केंद्र सरकार न्यूनतम मजदूरी दर को साल में दो बार संशोधित करती है