Waqf Board: चंद्राबाबू नायडू निकले एक कदम आगे, वक्फ बोर्ड को किया भंग

Waqf Board Dissolves In Andhra: चंद्राबाबू नायडू ने वक्फ बोर्ड बिल की चर्चा के बीच एक बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने राज्य में वक्फ बोर्ड को भंग कर दिया है। इसके बाद सियासत तेज हो गई है।

Andhra Government Dissolves Waqf Board: आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्राबाबू नायडू ने बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने राज्य में वक्फ बोर्ड के गठन के निर्देशों को वापस ले लिया है। साथ ही 30 नवंबर को जारी सरकारी आदेश में कहा गया है कि बोर्ड अध्यक्ष के चुनाव पर रोक के बाद बोर्ड के लंबे समय तक काम न कने के मद्देनजर यह निर्णय लिया गया है। आदेश में कहा गया है कि वक्फ बोर्ड के सीईओ ने इस मुद्दे को सरकार के ध्यान में लाया और मुकदमे को सुलझाने के साथ प्रशासनिक शून्यता को रोकने के लिए निर्णय लिया है।

21 अक्टूबर 2023 को शेख वाजा, मुतवल्ली, विधायक हफीज खान और एमएलसी रुहुल्लाह को सदस्य के रूप में चुना गया, जबकि आठ अन्य को वक्फ बोर्ड के सदस्य के रूप में नामित किया गया। हालांकि शेख वाजा के चुनाव और वक्फ बोर्ड के गठन के लिए जारी किए गए जीओ 47 की वैधता को कई रिट याचिकाओं में उच्च न्यायालय के समक्ष चुनौती दी गई थी।

इसको चुनौती देने वाली याचिका और निर्वाचित सदस्यों में से एक के खिलाफ विशेष विवाद उठाने वाली याचिकाओं पर विचार करते हुए, हाईकोर्ट ने अध्यक्ष के चुनाव पर रोक लगा दी। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि सदस्य का चुनाव रिट याचिकाओं के अंतिम परिणाम के अधीन होगा। जब तक याचिकाएं लंबित रहीं, वक्फ बोर्ड बिना अध्यक्ष के रहा।

गौरतलब है कि नायडू सरकार ने यह फैसला ऐसे वक्त में लिया है, जब पूरे देश में वक्फ बोर्ड और उसकी जमीनों को लेकर बहस चल रही है। भारत सरकार भी वक्फ बोर्ड को लेकर बिल ला रही है। बिल को लेकर यह सवाल था कि चंद्राबाबू नायडू इसका समर्थन करेंगे कि नहीं। वक्फ बोर्ड को भंगकर चंद्राबाबू नायडू ने बड़ा मैसेज दिया है।

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