पाकिस्तान में ईसाई महिला को सजा-ए-मौत, 300000 जुर्माना भी, वजह जान माथा पकड़ लेंगे

Pakistan Court News: पाकिस्तान की एक अदालत ने ईसाई महिला शौगता कैरन को ईशनिंदा के मामले में मृत्युदंड दिया है। आरोप है कि उन्होंने व्हाट्सऐप ग्रुप पर पैगंबर मोहम्मद के बारे में आपत्तिजनक सामग्री साझा की थी।

पाकिस्तान में ईशनिंदा के मामले में एक ईसाई महिला को मौत की सजा सुनाई गई है। शौगता कैरन नाम की इस महिला पर 2020 में व्हाट्सऐप पर पैगंबर मोहम्मद के बारे में आपत्तिजनक सामग्री शेयर करने का आरोप था। अदालत ने उन्हें IPC की धारा 295C के तहत दोषी पाया और मौत की सजा सुनाई। साथ ही 3 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। PECA की धारा 11 के तहत 7 साल की जेल और 1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील की जा सकती है।

क्या है पूरा मामला

सितंबर 2020 में शौगता कैरन पर व्हाट्सऐप ग्रुप पर पैगंबर मोहम्मद के बारे में आपत्तिजनक सामग्री शेयर करने का आरोप लगा था। इसके बाद उनके खिलाफ ईशनिंदा का मामला दर्ज किया गया। पाकिस्तान की एक विशेष अदालत के न्यायाधीश अफजल मजूका ने सुनवाई के बाद कैरन को दोषी पाया। न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा कि दोषी को 30 दिन के अंदर फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील करने का अधिकार है। उन्होंने यह भी कहा कि हाई कोर्ट के फैसले के बाद ही सजा पर अमल किया जाएगा।

सजा पाने वाली दूसरी महिला

शौगता कैरन पाकिस्तान में ईशनिंदा मामले में सजा पाने वाली दूसरी ईसाई महिला हैं। इससे पहले आसिया बीबी को भी ईशनिंदा के मामले में मौत की सजा सुनाई गई थी। वह 8 साल तक जेल में रहीं। लेकिन बाद में उन्हें सुप्रीम कोर्ट ने अक्टूबर 2018 में बरी कर दिया था। बरी होने के बाद आसिया बीबी अपने परिवार के साथ कनाडा चली गई थीं।

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