जब तक सफाई नहीं तब तक... हाई कोर्ट ने दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ चुनाव की काउंटिंग पर लगाई रोक
दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव को लेकर अनोखा आदेश जारी किया है। दिल्ली हाई कोर्ट ने छात्र संघ चुनाव पर तो रोक नहीं लगाई लेकिन वोटों की गिनती पर रोक लगा दी है।
नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) चुनाव को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट ने अनोखा और सबक देने वाला फैसला सुनाया है। दिल्ली हाई कोर्ट ने गुरुवार को DUSU चुनाव की वोटों की गिनती पर तब तक रोक लगा दी है, जब तक कि उम्मीदवारों द्वारा लगाए गए पोस्टर, होर्डिंग्स, स्प्रे पेंट दीवारों से हटा नहीं लिए जाते। इतना ही नहीं जब तक जब तक सार्वजनिक संपत्तियों को पहले जैसा नहीं किया जाता तब तक यह रोक जारी रहेगी।
मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की खंडपीठ ने निर्देश दिया कि हाई कोर्ट के संतुष्ट होने तक वोटों की गिनती नहीं होगी। दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) को फटकार लगाई और कहा कि उम्मीदवार चुनाव प्रचार के दौरान सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचा रहे हैं और इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
इससे पहले, एमसीडी ने कोर्ट में बताया कि 13 सितंबर से 25 सितंबर के बीच, नगर निगम ने 16,000 से अधिक बोर्ड, 2 लाख पोस्टर और पर्चे, और 28,500 बैनर हटाए हैं। हाई कोर्ट ने आदेश दिया कि इस प्रक्रिया में नगर निकायों द्वारा हुए खर्च को दिल्ली विश्वविद्यालय को वहन करना होगा, लेकिन विश्वविद्यालय इसे संबंधित उम्मीदवारों से वसूल सकता है, जैसा कि लिंगदोह समिति की सिफारिशों में इसका जिक्र है।
हाई कोर्ट ने हालांकि चुनाव पर रोक नहीं लगाई। हाई कोर्ट ने चुनाव प्रक्रिया को आगे बढ़ने की अनुमति दी, लेकिन यह स्पष्ट किया कि दिल्ली विश्वविद्यालय या उसके किसी भी कॉलेज में वोटों की गिनती तब तक नहीं होगी, जब तक अदालत यह सुनिश्चित नहीं कर लेती कि सभी प्रचार सामग्री हटा दी गई है और सार्वजनिक संपत्तियों की मरम्मत हो गई है। दरअसल, हाई कोर्ट कुछ याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था, जिनमें लिंगदोह समिति की सिफारिशों का उल्लंघन और चुनाव प्रचार के दौरान सार्वजनिक संपत्तियों की ओर के नुकसान की ओर ध्यान दिलाया गया था।