दिल्ली आने पर अड़े किसान, नोएडा बॉर्डर पर लगा भयंकर जाम
उत्तर प्रदेश के किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली कूच कर रहे हैं, जिससे डीएनडी फ्लाईवे और चिल्ला बॉर्डर पर भारी जाम लगा। पुलिस ने त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था और चेकिंग अभियान शुरू किया है। लगभग 5,000 पुलिसकर्मी और 1,000 पीएसी जवान तैनात हैं। संसद सत्र के चलते किसानों को दिल्ली में प्रदर्शन की अनुमति नहीं है। प्रशासन वार्ता के माध्यम से स्थिति संभालने का प्रयास कर रहा है।
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के किसान अपनी विभिन्न मांगों को लेकर दिल्ली की ओर कूच कर चुके हैं। इस वजह से दिल्ली बॉर्डर पर सुरक्षा बलों की भारी तैनाती की गई है। किसानों के इस आंदोलन के चलते डीएनडी फ्लाईवे और चिल्ला बॉर्डर पर भारी ट्रैफिक जाम देखने को मिला। सुबह के समय रूट डायवर्जन और पुलिस चेकिंग के कारण इन इलाकों में यातायात बाधित रहा। खासतौर पर सेक्टर-15ए से दिल्ली और कालिंदी कुंज की ओर जाने वाले मार्गों पर गाड़ियों की लंबी कतारें लगी रहीं, जिससे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
सुरक्षा व्यवस्था और ट्रैफिक प्रबंधन
यातायात पुलिस ने जानकारी दी कि किसानों के कूच को ध्यान में रखते हुए दिल्ली और उसके बॉर्डर इलाकों में सघन चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है। हालांकि, स्थिति सामान्य करने के लिए रेड लाइट्स को निरंतर ग्रीन कर दिया गया और ट्रैफिक अब धीरे-धीरे सामान्य हो रहा है। गौतमबुद्ध नगर कमिश्नरेट पुलिस भी ट्रैफिक प्रबंधन सुनिश्चित करने में लगी हुई है।
संयुक्त एसपी शिवहरि मीना ने बताया कि किसानों के प्रदर्शन को लेकर पुलिस लगातार उनसे बातचीत कर रही है। उन्होंने कहा, "हमने त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था तैयार की है। लगभग 5,000 पुलिसकर्मी विभिन्न मार्गों पर चेकिंग में लगे हुए हैं। यातायात प्रबंधन के साथ-साथ 1,000 पीएसी के जवान, वाटर कैनन, टियर गैस स्क्वाड और अन्य संसाधनों को तैनात किया गया है।"
संसद सत्र के कारण प्रदर्शन की अनुमति नहीं
पूर्वी दिल्ली की डीसीपी अपूर्वा गुप्ता ने कहा कि किसानों के दिल्ली मार्च की जानकारी पहले से ही थी। चूंकि संसद सत्र चल रहा है, इसलिए किसानों को दिल्ली में प्रवेश और प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी गई है। उन्होंने कहा, "हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि कानून-व्यवस्था बनी रहे। इसके लिए नोएडा पुलिस के साथ समन्वय किया गया है और दिल्ली-यूपी के प्रमुख स्थानों पर सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है।" प्रशासन और किसान संगठनों के बीच वार्ता जारी है, और स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है।