130 की स्पीड से देश की पहली स्लीपर वंदे भारत चलाने वाले लोको पायलट ने क्या बताया?
यूपी के रहने वाले लोको पायलट ध्रुव रिछारिया ने देश की पहली स्लीपर वंदे भारत एक्सप्रेस का सफल ट्रायल खजुराहो-महोबा रेल सेक्शन पर किया। अत्याधुनिक 16 कोच वाली इस ट्रेन को 130 किमी/घंटा की गति पर चलाकर बफ फोर्स, बाउंस फोर्स और एक्सीलेरेशन जैसी तकनीकी जांच की गई। कई वर्षों के अनुभव वाले ध्रुव ने इसे अपने करियर की सबसे उन्नत ट्रेन बताया।
नई दिल्ली: यूपी के महोबा जिले के कुलपहाड़ कस्बे के निवासी और वरिष्ठ लोको पायलट ध्रुव रिछारिया को देश की पहली स्लीपर वंदे भारत एक्सप्रेस के ट्रायल का गौरव प्राप्त हुआ। चेन्नई की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में तैयार इस 16 कोच की अत्याधुनिक ट्रेन को ट्रायल के लिए झांसी रेल मंडल के खजुराहो-महोबा रेल सेक्शन पर भेजा गया। ट्रेन की खासियतों से आम यात्री उत्साहित हैं, वहीं ध्रुव रिछारिया ने अपने अनुभव साझा करते हुए इसे एक अविस्मरणीय क्षण बताया।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी अपने 'एक्स' हैंडल पर स्लीपर वंदे भारत ट्रेन के ट्रायल रन की जानकारी साझा की और इसके अंदरूनी हिस्सों की तस्वीरें पोस्ट कीं। ध्रुव ने इस ट्रेन का परीक्षण न केवल खाली कोच के साथ, बल्कि यात्रियों के वजन के अनुरूप आयरन बैग से भरी ट्रेन के साथ भी किया। उन्होंने ट्रेन को 130 किमी/घंटा की गति पर चलाकर बफ फोर्स, बाउंस फोर्स, एक्सीलेरेशन, डीएक्सीलेरेशन और डम्प फोर्स जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं का परीक्षण किया। यह परीक्षण आरडीएसओ इंजीनियरों की उपस्थिति में संपन्न हुआ।
ध्रुव रिछारिया 29 वर्षों से झांसी में लोको पायलट के रूप में कार्यरत हैं और राजधानी, गतिमान व शताब्दी जैसी प्रतिष्ठित ट्रेनों का संचालन कर चुके हैं। वे इस नई ट्रेन के बारे में कहते हैं कि अपने लंबे करियर में उन्होंने ऐसी अत्याधुनिक तकनीक से सुसज्जित ट्रेन कभी नहीं चलाई।
ध्रुव की पारिवारिक पृष्ठभूमि भी रेलवे से जुड़ी है। उनके पिता प्रेमबाबू रिछारिया रेलवे में अहमदाबाद के सीनियर बुकिंग क्लर्क पद से सेवानिवृत्त हुए। वर्तमान में ध्रुव का परिवार कुलपहाड़ में ही निवास करता है। स्लीपर वंदे भारत एक्सप्रेस चलाने का यह अनुभव ध्रुव के लिए उनके पूरे करियर का एक अनमोल अवसर साबित हुआ।