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गुलाम मानसिकता से मुक्ति... भारत के भविष्य के लिए प्रधानमंत्री मोदी के 11 संकल्प
PM Modi Presents Own Resolutions: भारत के भविष्य के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में 11 संकल्प पेश किए हैं। इस दौरान पीए मोदी ने जमकर कांग्रेस पर निशाना साधा है। पीएम मोदी ने करीब दो घंटे तक लोकसभा में स्पीच दिया है।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में दो घंटे का स्पीच दिया है। इस दौरान विकसित भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 संकल्प पेश किए हैं। उन्होंने कहा कि ये संकल्प संवैधानिक मूल्यों पर आधारित हैं।
ये हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 11 संकल्प
- कर्तव्यों का पालन- प्रत्येक नागरिक और सरकार को राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के लिए अपने कर्तव्यों का जिम्मेदारी से पालन करना चाहिए।
- सबका साथ सबका विकास- यह सुनिश्चित करना कि सबका साथ, सबका विकास के सिद्वांत द्वारा निर्देशित विकास हर क्षेत्र तक पहुंचे।
- भ्रष्टाचार के प्रति शून्य सहिष्णुता- सभी स्तरों पर भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रूख अपनाना।
- कानून के शासन का सम्मान- देश के कानूनों और परंपराओं का पालन करने और उन्हें बनाए रखने में गर्व को बढ़ावा देना।
- गुलाम मानसिकता से मुक्ति
- वंशवादी राजनीति का अंत- भारतीय राजनीति को परिवारवाद से मुक्त करना।
- संविधान का सम्मान- राजनीतिक उद्देश्यों के लिए इसका दोहन किए बिना संविधान को बनाए रखना।
- आरक्ष की सुरक्षा- धर्म आधारित कोटा को अस्वीकार करते हुए मौजूदा आरक्षण की रक्षा करना है।
- महिला नेतृत्व वाला विकास- महिला नेतृत्व वाली विकास पहलों में भारत को वैश्विक नेता के रूप में स्थापित करना।
- राज्य केंद्रित विकास- संतुलित विकास प्राप्त करने के लिए राष्ट्र के विकास को राज्यों की प्रगति के साथ जोड़ना।
- एक भारत, श्रेष्ठ भारत
इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कांग्रेस की तीखी आलोचना की और पार्टी के एक ही परिवार पर संविधान को कमजोर करने का आरोप लगाया है। वहीं, प्रधानमंत्री ने भारतीय संविधान के 75 वर्ष की गौरवशाली यात्रा पर चर्चा के दौरान यह भी कहा कि कांग्रेस के एक परिवार ने संविधान पर प्रहार करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।
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