नई दिल्ली: पंजाब के अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर परिसर में शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल पर गोली चलाने की कोशिश हुई, जिससे वे बाल-बाल बच गए। घटना तब हुई जब सुखबीर सिंह बादल श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा दी गई धार्मिक सजा के तहत सेवा कर रहे थे। आरोपी नारायण सिंह चौड़ा ने उन पर गोली चलाने का प्रयास किया, लेकिन सुरक्षाकर्मियों की सतर्कता के कारण उसे तुरंत काबू कर लिया गया।


पुलिस की ओर से क्या बताया गया

एडीसीपी हरपाल सिंह ने बताया कि सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम थे और सुखबीर सिंह बादल को पहले ही सुरक्षा कवर में रखा गया था। आरोपी चौड़ा, जो पहले दिन पहले भी स्वर्ण मंदिर परिसर में मौजूद था, गुरुद्वारा में मत्था टेकने के बाद बाहर आया और गोली चलाने की कोशिश की। हालांकि, सुरक्षाबलों की तत्परता के चलते कोई हताहत नहीं हुआ।


धार्मिक सजा के तहत सेवा

पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा दी गई सजा को पूरा करने के लिए स्वर्ण मंदिर पहुंचे थे। उन्होंने घंटाघर के बाहर सेवादार का परिधान पहनकर पहरेदारी की, कीर्तन सुना, और जूठे बर्तन साफ किए। हालांकि, पैर में फ्रैक्चर होने की वजह से उन्हें टॉयलेट साफ करने की सजा से छूट दी गई। उनके साथ पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया, सुखदेव सिंह ढींढसा, और अन्य नेताओं ने भी जूठे बर्तन और टॉयलेट साफ करके सेवा की।


फायरिंग करने वाला कौन

नारायण सिंह चौड़ा 1984 में पाकिस्तान चला गया था और हथियारों तथा विस्फोटकों की तस्करी में शामिल रहा। पाकिस्तान में रहते हुए, उसने कथित तौर पर गुरिल्ला युद्ध और देशद्रोही विचारधारा पर आधारित एक किताब भी लिखी। नारायण चौड़ा पहले पंजाब की जेल में सजा काट चुका है। अगस्त 2018 में, उसने पांच साल की सजा पूरी की और जेल से रिहा हुआ। उसके खिलाफ विस्फोटक अधिनियम के तहत कई मामले दर्ज हैं।