Jhansi Hospital Fire News: यूपी के झांसी मेडिकल कॉलेज के एनसीआईयू में आग भड़कने के बाद 10 बच्चों की मौत हो गई है। सभी बच्चे जिंदा जल गए हैं। इस घटना के बाद कई घरों का चिराग बूझ गया है। साथ ही अस्पाल की व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं। शुरुआती जानकारी के अनुसार सबसे सुरक्षित माने जाने वाला एनआईसीयू का फायर सिस्टम बीते चार साल से खराब था। इस हादसे में 10 बच्चों की मौत भी हुई है। साथ ही 16 बच्चे घायल हैं। घटना के बाद प्रत्यक्षदर्शी आए हैं। उनका कहना है कि एक नर्स ने ऑक्सीजन सिलेंडर के पाइप को जोड़ने के लिए माचिस की तिली जलाई और पूरे वार्ड में आग लग गई।

अस्पताल प्रबंधन के अनुसार उस समय वार्ड में कुल 54 बच्चे भर्ती थी। वार्ड में आग आक्सीजन कंसंट्रेटर से भड़की है। अभी आग पर काबू पा लिया है। सीएम योगी ने मामले में त्वरित संज्ञान लिया है। साथ ही 12 घंटे के भीतर रिपोर्ट पेश करने को कहा है। रानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में भगवान दास का पोता भर्ती था। वह घटना के गवाह हैं। उनका कहना है कि आग शॉर्ट सर्किट से नहीं लगी है।

प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि वार्ड में मौजूद नर्स ने ऑक्सीजन सिलेंडर के पाइप को लगाने के लिए माचिस की तीली जलाई। तीली जलते पूरे वार्ड में आग लग गई। उन्होंने अपने कपड़े से तीन चार बच्चों की जिंदगी बचाई है। बाकी लोगों की मदद से भी कुछ बच्चों को निकाला गया है।

अभी तक की जांच में पता चला है कि फायर सिस्टम अस्पताल का काम नहीं कर रहा है। क्योंकि आग लगने के बाद अस्पताल का फायर अलार्म नहीं बजा। न ही वहां रखे सिलेंडर ने काम किया है। शो के लिए वहां सिलेंडर रखे गए थे। आग लगने के बाद एनआईसीयू पूरी तरह से जलकर राख हो गया है। घटना के बाद योगी सरकार ने मृतक के परिवारों को पांच-पांच लाख रुपए मुआवजा देने का ऐलान किया है। साथ ही घायलों को 50-50 हजार रुपए के मुआवजा की बात कही गई है।

इस दर्दनाक घटना के बाद यूपी के स्वास्थ्य व्यवस्था पर एक बार फिर से सवाल खड़े हो रहे हैं। घटना के बाद यूपी सरकार वरिष्ठ अधिकारियों को मौके पर भेज दिया। मामले की जांच जारी है। मृतकों में कई बच्चे ऐसे हैं, जिनका जन्म काफी मन्नत के बाद हुआ था। कुछ महिलाओं का यह पहला बच्चा था।