महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए 20 नवंबर को वोट डाले जाएंगे और नतीजे 23 नवंबर को आएंगे। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि राज्य की सभी 288 सीटों के लिए एक ही चरण में चुनाव होंगे। यह चुनाव राज्य में सत्ताधारी शिवसेना-भाजपा-राकांपा गठबंधन और विपक्षी कांग्रेस-शिवसेना (यूबीटी)-राकांपा (शरद पवार) गठबंधन के बीच दिलचस्प मुकाबला होने की उम्मीद है।

चुनाव आयोग ने मंगलवार को चुनाव कार्यक्रम की घोषणा कर दी है। 22 अक्टूबर को अधिसूचना जारी होगी और उम्मीदवार 29 अक्टूबर तक नामांकन दाखिल कर सकेंगे। नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख 4 नवंबर है।

राज्य में कुल 9.63 करोड़ मतदाता हैं जो 1,00186 मतदान केंद्रों पर अपने वोट डालेंगे। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि सभी राजनीतिक दलों को समान अवसर सुनिश्चित करना चुनाव आयोग का काम है। उन्होंने आगे कहा कि अगर कहीं से भी समान अवसर को प्रभावित करने की कोई भी शिकायत मिलती है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।

राजीव कुमार ने सभी राजनीतिक दलों से चुनाव प्रचार के दौरान नियमों का पालन करने की अपील की। महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को समाप्त हो रहा है। महाराष्ट्र में फिलहाल एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना-भाजपा-राकांपा गठबंधन की सरकार है।

दूसरी तरफ, विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाडी (एमवीए) में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस और शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) शामिल हैं। 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद से महाराष्ट्र की राजनीति में काफी उथल-पुथल देखने को मिली है। तब भारतीय जनता पार्टी और अविभाजित शिवसेना ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के बैनर तले चुनाव लड़ा था।

288 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा ने 165 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 105 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी थी। 126 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली शिवसेना को 56 सीटों पर जीत मिली थी। कांग्रेस ने 147 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे और उसे 44 सीटों पर जीत मिली थी, जबकि राकांपा को 121 में से 54 सीटें मिली थीं।

यह चुनाव काफी महत्वपूर्ण होने वाला है क्योंकि इससे यह तय होगा कि राज्य में अगले पांच सालों तक कौन सत्ता संभालेगा। सभी पार्टियां जीत हासिल करने के लिए पूरी ताकत झोंक रही हैं और देखना दिलचस्प होगा कि जनता किस पर भरोसा जताती है।