नीतीश बनने की चाह शिंदे की रह गई अधूरी, बीजेपी के लिए महाराष्ट्र में राह ऐसे हुई आसान
एकनाथ शिंदे का ताजा बयान यह दर्शाता है कि उन्होंने अपने राजनीतिक हितों से ऊपर उठकर बीजेपी के फैसले को तवज्जो दी है। इससे शिवसेना (शिंदे गुट) का बीजेपी के साथ गठबंधन और मजबूत होता दिख रहा है। हालांकि, यह देखना बाकी है कि क्या शिंदे का यह कदम उन्हें दीर्घकालिक रूप से लाभ पहुंचाएगा या उनकी पार्टी का कद और घटाएगा। अब यह लगभग तय है कि महाराष्ट्र के अगले सीएम देवेंद्र फडणवीस ही होंगे।
नई दिल्ली: महाराष्ट्र चुनाव नतीजों के चार दिन बाद राज्य के मुख्यमंत्री की तस्वीर साफ होती दिखी। राज्य के कार्यवाहक मुख्मंत्री एकनाथ शिंदे क्या फैसला करते हैं इस पर सभी की नजर थी। बुधवार दोपहर बाद महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रही सियासी हलचल थमती दिखी। एकनाथ शिंदे ने मीडिया के सामने आकर यह क्लियर कर दिया कि CM पद के लिए कोई जिद नहीं रखते और बीजेपी के हर फैसले का सम्मान करेंगे। उन्होंने कहा, मुझे सीएम पद की कोई चाह नहीं है। मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से कहा है कि मेरी वजह से सरकार बनाने में कोई अड़चन नहीं आएगी।"
शिंदे के इस रुख से राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि महाराष्ट्र में अगला मुख्यमंत्री बीजेपी से होगा। ऐसे में पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का नाम सबसे आगे माना जा रहा है। शिंदे का बयान बीजेपी नेतृत्व के लिए महत्वपूर्ण अवसर लेकर आया है, जो गठबंधन की स्थिरता और सत्ता के समीकरणों को नए सिरे से परिभाषित कर सकता है।
शिंदे का रुख: बीजेपी के दबाव का नतीजा?
शिंदे गुट के कई नेताओं ने चुनाव परिणाम आने के बाद शिंदे को ही मुख्यमंत्री बनाए रखने की मांग की थी। लेकिन अब शिंदे का बयान यह दिखाता है कि वे बीजेपी के दबाव में झुक गए हैं। जब शिंदे ने उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत की थी, तब बीजेपी ने बड़े भाई की भूमिका निभाते हुए उन्हें मुख्यमंत्री बनाया था। लेकिन इस बार बीजेपी हर हाल में मुख्यमंत्री पद अपने पास रखना चाहती है। यह संकेत है कि शिवसेना (शिंदे गुट) का कद घट सकता है।
विश्लेषकों के मुताबिक, शिंदे की सहमति से यह भी साफ होता है कि उनके पास बीजेपी का समर्थन स्वीकार करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। इसके विपरीत, बिहार में नीतीश कुमार ने 2020 के विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री पद पर अड़कर बीजेपी को झुकने पर मजबूर कर दिया था। लेकिन शिंदे की स्थिति, संख्या बल और राजनीतिक विकल्पों के मामले में नीतीश कुमार जैसी नहीं है।
फडणवीस होंगे अगले सीएम!
शिंदे ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि बीजेपी जो भी निर्णय करेगी, शिवसेना (शिंदे गुट) उसे पूरी तरह समर्थन देगा। इस बयान ने देवेंद्र फडणवीस के मुख्यमंत्री बनने की संभावनाओं को और मजबूत कर दिया है। फडणवीस, जो महाराष्ट्र बीजेपी के प्रमुख चेहरा हैं, का अनुभव और लोकप्रियता उन्हें इस पद के लिए सबसे मजबूत दावेदार बनाती है।
बीजेपी के लिए यह एक अहम क्षण है, क्योंकि इससे न केवल उनकी ताकत बढ़ेगी, बल्कि गठबंधन सरकार को स्थिरता भी मिलेगी। वहीं, शिंदे गुट का यह रुख दर्शाता है कि वह अपनी राजनीतिक स्थिति को मजबूत करने के बजाय बीजेपी नेतृत्व पर निर्भर रहना पसंद कर रहा है।
नई सरकार और गठबंधन पर कोई आंच नहीं
शिंदे के रुख से महाराष्ट्र में गठबंधन सरकार के अंदर किसी तरह की अस्थिरता की संभावना कम हो गई है। यह बयान बीजेपी को राज्य की सत्ता को पूरी तरह अपने हाथ में लेने का मौका देता है। अगर फडणवीस मुख्यमंत्री बनते हैं, तो बीजेपी अपने कैडर और समर्थकों को यह संदेश देने में कामयाब होगी कि पार्टी अपनी ताकत बनाए रखने के लिए रणनीतिक फैसले ले सकती है।