नई दिल्ली: पैरासिटामोल समेत 53 दवाएं क्वालिटी टेस्ट में फेल पाई गई हैं। देश की सबसे बड़ी ड्रग रेगुलेटरी बॉडी सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) ने इसकी लिस्ट जारी की है। इस सूची में कैल्शियम और विटामिन डी3 सप्लीमेंट्स, शुगर और ब्लड प्रेशर की आम दवाएं शामिल हैं। शेलकैल, पैन-डी, ग्लिमेपिराइड और टेलमिसार्टन जैसे प्रसिद्ध ब्रांडों सहित कई दवाएं गुणवत्ता परीक्षण में विफल रही हैं।

इन दवाओं का निर्माण हेरो ड्रग्स, अल्केम लैबोरेटरीज, हिंदुस्तान एंटीबायोटिक्स लिमिटेड (एचएएल) और मेग लाइफ साइंसेज जैसी प्रमुख फार्मा कंपनियां करती हैं। सीडीएससीओ के मासिक सैंपलिंग कार्यक्रम से पता चला है कि पेट के संक्रमण के इलाज के लिए इस्तेमाल होने वाली मेट्रोनिडाजोल और दर्द निवारक पैरासिटामोल जैसी आवश्यक दवाएं भी गुणवत्ता मानकों पर खरी नहीं उतरीं।

टेस्ट में फेल दवाओं को निजी और सार्वजनिक दोनों क्षेत्र की कंपनियों द्वारा तैयार किया गया था।सीडीएससीओ द्वारा गुणवत्ता मुद्दे इन दवाओं की सुरक्षा और इसके असर के बारे में गंभीर चिंताएं पैदा करते हैं। उपभोक्ताओं को सलाह दी जाती है कि इन दवाओं को खरीदते समय सावधानी बरतें और वैकल्पिक विकल्पों के लिए अपने डॉक्टर से सलाह लें।

दवा नियामक ने फार्मा कंपनियों से गुणवत्ता संबंधी कमियों को दूर करने और यह सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कदम उठाने को कहा है। कंपनियों से उनके प्रोडक्ट की क्वालिटी सभी मानकों पर पूरा करने को कहा गया है। सीडीएससीओ स्थिति की निगरानी करना जारी रखेगा और जन स्वास्थ्य की रक्षा के लिए आवश्यक कार्रवाई करेगा।

केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की लिस्ट में 53 दवाओं का नाम था लेकिन बाद में पांच दवाओं को इस सूची से हटा दिया गया। इन पांच दवाओं को बनाने वाली कंपनियों ने दावा किया कि बाजार में इनके नाम से नकली दवाएं बेची जा रही हैं। उन्होंने कहा कि ये दवाएं उनके द्वारा निर्मित नहीं हैं।