नई दिल्ली: मुंबई में एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या के मामले में जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, एक बड़ा आपराधिक षड्यंत्र सामने आ रहा है। हाल ही में पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि बाबा सिद्दीकी के बेटे और एनसीपी विधायक ज़ीशान सिद्दीकी की तस्वीर भी हत्या के आरोपियों के फोन से बरामद हुई है। यह तस्वीर स्नैपचैट के जरिए आरोपियों को उनके हैंडलर ने भेजी थी, जो कथित तौर पर लॉरेंस बिश्नोई गिरोह से जुड़ा शुभम लोंकर बताया जा रहा है।

स्नैपचैट का इस्तेमाल आरोपियों के बीच संवाद के लिए किया गया था, और संदेशों को बाद में डिलीट करने का आदेश भी लोंकर ने ही दिया था। हत्या के बाद शुभम के भाई प्रवीण लोंकर ने फेसबुक पर एक पोस्ट किया, जिसमें उसने खुलासा किया कि बाबा सिद्दीकी की हत्या के पीछे लॉरेंस बिश्नोई गिरोह का हाथ था। इससे यह स्पष्ट होता है कि यह हत्या एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा थी, जिसमें न केवल बाबा सिद्दीकी बल्कि उनके बेटे ज़ीशान सिद्दीकी को भी निशाना बनाने की योजना थी।

आरोपियों ने पुलिस को बताया कि शुभम लोंकर ने हत्या के लिए धर्मराज कश्यप और शिवकुमार गौतम को चुना था क्योंकि वे महाराष्ट्र में बाबा सिद्दीकी के कद से अनजान थे। यह एक सुनियोजित रणनीति थी, जिसमें बाहरी लोगों को शामिल कर हत्या को अंजाम देने की कोशिश की गई ताकि कोई हिचकिचाहट न हो और अपराध बिना किसी रुकावट के पूरा हो सके।

पहले राम कानोजिया और नितिन सापरे को हत्या का ठेका दिया गया था। दोनों ने हत्या के लिए एक करोड़ रुपये की मांग की थी, लेकिन कानोजिया, जो खुद महाराष्ट्र से था, बाबा सिद्दीकी की पहचान और उनके राजनीतिक प्रभाव को समझता था, इसलिए वह ज्यादा पैसे की मांग कर रहा था। बाद में लोंकर ने यूपी के शूटरो को इसका जिम्मा दिया।

हत्या के दिन, हमलावरों ने सुनियोजित तरीके से वारदात को अंजाम दिया। बाबा सिद्दीकी को उनके बेटे के ऑफिस के पास गोली मार दी गई थी। घटना के समय बाबा सिद्दीकी के साथ मौजूद कांस्टेब उनकी रक्षा करने में असफल रहे।

मुंबई क्राइम ब्रांच ने अब तक नौ आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिसमें दो शूटर और शुभम लोंकर भी शामिल हैं। ये लोग शूटरों को हथियार और अन्य आवश्यक सामग्री प्रदान करने में भी शामिल थे। फरार तीन अन्य आरोपियों में से एक मुख्य शूटर भी शामिल है, जिसे पकड़ने के लिए पुलिस की तलाशी अभी जारी है।