बिहार: औरंगाबाद कोर्ट ने सुनाई अनोखी सजा, 15 दिनों तक देव सूर्य मंदिर में सामुदायिक सेवा; जानें पूरा मामला

Aurangabad Court News: औरंगाबाद अदालत ने एक किशोर अपराधी को अनोखी सजा दी। किशोर को 15 दिन देव सूर्य मंदिर में सेवा करनी होगी।

औरंगाबाद: बिहार के औरंगाबाद की एक अदालत ने एक नाबालिग अपराधी को अनोखी सजा सुनाई है। उसे 15 दिन देव सूर्य मंदिर में सेवा करनी होगी। यह फैसला शुक्रवार को ACJM सुशील प्रसाद सिंह ने जीआर संख्या-1567/10, मदनपुर थाना कांड संख्या-166/10 मामले में सुनाया। यह सजा किशोर न्याय अधिनियम के तहत दी गई है।

दरअसल पूरा मामला एक नाबालिग अपराधी से जुड़ा है। उसे औरंगाबाद के प्रसिद्ध देव सूर्य मंदिर में 15 दिन सामुदायिक सेवा करनी होगी। ACJM सुशील प्रसाद सिंह की अदालत ने यह फैसला सुनाया। यह सजा किशोर न्याय (बाल अपराधों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 के तहत दी गई है। इस अधिनियम में नाबालिग अपराधियों के लिए सुधारात्मक सजा का प्रावधान है।

अनुमंडलीय अभियोजन पदाधिकारी संजय कुमार सिंह ने बताया कि यह सजा अनोखी है। उन्होंने आगे कहा कि सजा काटते वक्त किशोर को यह महसूस होगा कि वह सेवा नहीं कर रहा बल्कि कानून द्वारा दी गई सजा को काट रहा है। इस सजा से अन्य नाबालिग अपराधियों को भी सबक मिलेगा। वे समझेंगे कि सजा सिर्फ जेल जाना ही नहीं होती, बल्कि समाज सेवा भी हो सकती है।

अदालत ने मंदिर प्रबंधक को निर्देश दिया है कि वे 15 दिनों तक किशोर के व्यवहार पर नजर रखें और रिपोर्ट तैयार करें। यह रिपोर्ट किशोर न्याय परिषद, औरंगाबाद को सौंपी जाएगी। इस रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।

कोर्ट के इस फैसले को एक मिसाल के तौर पर देखा जा रहा है। आम लोगों का कहना है कि कोर्ट कचहरी नाबालिग अपराधियों के सुधार पर भी ध्यान देता है। समाज सेवा के जरिए उन्हें अपनी गलती का एहसास कराया जा सकता है और उन्हें एक बेहतर इंसान बनने का एक मौका दिया जा सकता है।

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