नई दिल्ली: एनसीपी के नेता बाबा सिद्दीकी को शनिवार रात उनके विधायक बेटे जीशान सिद्दीकी के ऑफिस के बाहर, कोलगेट ग्राउंड के पास, बांद्रा ईस्ट में गोली मारी गई। शनिवार रात हुए इस हमले में वह गंभीर रूप से घायल हो गए और लीलावती अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। अब जो जानकारी सामने आ रही है उसमें कहा जा रहा है कि बाबा सिद्दीकी को 15 दिन पहले जान से मारने की धमकी मिली थी। इस धमकी के बाद बाबा सिद्दीकी की सुरक्षा को Y कैटेगरी में बढ़ा दिया गया था।

पुलिस ने बताया कि इस मामले में दो हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि एक हमलावर अब भी फरार है। इस घटना के बाद विपक्षी नेताओं ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके डिप्टी देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार से इस्तीफे की मांग की। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर सरकार एक राजनीतिक नेता को 'वाई' श्रेणी की सुरक्षा में भी सुरक्षित नहीं रख पा रही है, तो आम जनता की सुरक्षा कैसे संभव है?

कांग्रेस ने बाबा सिद्दीकी की मौत को महाराष्ट्र के लोगों के लिए बड़ी क्षति बताया। कांग्रेस नेता के.सी. वेणुगोपाल ने कहा, यह घटना महाराष्ट्र में कानून-व्यवस्था की खराब स्थिति का गंभीर संकेत है। सिद्दीकी ने कई बार अधिकारियों को अपनी जान को खतरे के बारे में बताया था, लेकिन इसके बावजूद उन्हें 'वाई प्लस' सुरक्षा के तहत नुकसान उठाना पड़ा। इस घटना का बाजारों के बीच सड़क पर होना यह दिखाता है कि अपराधियों को अब महाराष्ट्र में कानून का कोई डर नहीं है।

शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा,यह बहुत ही चिंताजनक घटना है। बाबा सिद्दीकी, जो तीन बार विधायक रह चुके थे और 'वाई' सुरक्षा प्राप्त थे, उनकी मुंबई के बांद्रा में गोली मारकर हत्या कर दी गई। मुंबई में क्या कोई कानून-व्यवस्था है? अगर एक प्रसिद्ध व्यक्ति के साथ ऐसा हो सकता है, तो आम लोग अपनी सुरक्षा कैसे महसूस करेंगे?