Bihar News: बिहार में धान की कटाई शुरू हो गई है। कई किसान फसल अवशेष जला रहे हैं, जो नियमों के खिलाफ है। इस वजह से सरकार ने 3105 किसानों को सरकारी लाभों से वंचित कर दिया है। इन किसानों को तीन साल तक सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा। साथ ही, उन्हें धान खरीद और किसान डीबीटी के जरिए मिलने वाले अनुदान से भी वंचित रखा जाएगा।

कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि फसल अवशेष जलाने वालों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। जिन किसानों को चिन्हित किया गया है, उनके खिलाफ यह कार्रवाई की गई है। विभाग को जहां से भी फसल अवशेष जलाने की शिकायत मिली, वहां की सैटेलाइट तस्वीरें अधिकारियों को सौंपी गईं। इन तस्वीरों के आधार पर ही 3105 किसानों पर कार्रवाई की गई है।

कृषि यांत्रीकरण के सहायक निदेशक डॉ दीपक कुमार ने बताया कि खेतों में पराली जलाने वालों पर विशेष नजर रखी जाएगी। उन्होंने कहा कि अभी तक जितने किसान इसमें चिन्हित हुए हैं उन्हें तीन वर्षों तक सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा। उन्होंने बताया कि पहले जहां से फसल अवशेष जलाने की शिकायत मिली थी, वहां का सेटेलाइट इमेज अधिकारियों को दिया जा चुका है। इसी सेटेलाइट इमेज के आधार पर 3105 किसानों पर कार्रवाई की गयी है।

सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में रोहतास, कैमूर और औरंगाबाद शामिल हैं। रोहतास जिले के करगहर प्रखंड में सबसे ज्यादा 877 किसानों को सरकारी लाभों से वंचित किया गया है। इसके बाद कैमूर जिले के दिनारा प्रखंड से 598 और औरंगाबाद जिले के दाउदनगर प्रखंड से 128 किसानों पर कार्रवाई की गई है।

कहां के कितने किसान हुए योजना से वंचित

  • सासाराम- 186
  • नोखा- 185
  • शिवसागर- 186
  • चेनारी- 117
  • करगहर- 877
  • कोचस- 421
  • डिहरी- 05
  • अकोढ़ीगोला- 07
  • तिलौथू- 18
  • रोहतास- 01
  • नौहट्टा- 04
  • दावथ- 128
  • दिनारा- 598
  • संझौली- 94
  • राजपुर- 08
  • काराकाट- 14
  • बिक्रमगंज- 184
  • नासरीगंज- 24
  • सूर्यपूरा- 51