बिहार में प्राइवेट स्कूल-कॉलेजों को स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के लिए बड़ी राहत मिली है। सरकार ने NAAC की अनिवार्यता में एक साल की छूट दे दी है। यह छूट सिर्फ 2024-25 के शिक्षा सत्र के लिए है। इससे करीब 381 प्राइवेट शिक्षण संस्थानों को फायदा होगा। बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के अपर सचिव और नोडल अफसर सज्जन आर ने सोमवार को यह आदेश जारी किया।

इससे पहले, प्राइवेट स्कूल-कॉलेजों को स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना का लाभ उठाने के लिए NIRF रैंकिंग, NBA मान्यता या कम से कम 'सी' NAAC ग्रेडिंग की आवश्यकता थी। पहले यह तय हुआ था कि राज्य के जिन प्राइवेट स्कूल-कॉलेजों को पांच साल या दो सत्र पूरे हो चुके हैं, उन्हें स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना का लाभ देने के लिए कुछ शर्तें पूरी करनी होंगी।

2024-25 के सत्र से इन संस्थानों को NIRF रैंकिंग में शामिल होना जरूरी था। या फिर उनके कोर्स NBA से मान्यता प्राप्त होने चाहिए थे। एक विकल्प यह भी था कि उनकी NAAC ग्रेडिंग कम से कम 'सी' हो। लेकिन अब 2024-25 के लिए इन शर्तों में ढील दे दी गई है। इससे प्राइवेट स्कूल-कॉलेजों को बड़ी राहत मिली है। अब इन संस्थानों के आवेदन की जांच करके आगे की कार्रवाई की जाएगी। यह फैसला उन छात्रों के लिए एक बड़ी राहत के रूप में आया है जो उच्च शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता पर निर्भर हैं।

बता दें कि स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना 12वीं पास बिहारी छात्रों के लिए है। इसके तहत चार लाख रुपये तक का लोन मिलता है। यह लोन इंजीनियरिंग, पॉलिटेक्निक या दूसरे कोर्स की पढ़ाई के लिए लिया जा सकता है। इसके अलावा, किताबें, स्टेशनरी, लैपटॉप खरीदने और फीस भरने के लिए भी इस पैसे का इस्तेमाल कर सकते हैं।

सामान्य छात्रों के लिए ब्याज दर 4 फीसदी है, जबकि लड़कियों, ट्रांसजेंडर और दिव्यांगों के लिए यह दर सिर्फ 1 प्रतिशत है। कोर्स पूरा होने और नौकरी मिलने के बाद ही लोन चुकाना होता है। यह योजना बिहारी छात्रों को आगे की पढ़ाई के लिए आर्थिक मदद देती है।

बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के लिए कुछ योग्यताएं और दस्तावेज जरूरी हैं। आवेदक बिहार का निवासी होना चाहिए। उसकी उम्र 25 साल या उससे ज़्यादा होनी चाहिए। साथ ही, उसे 12वीं पास होना जरूरी है। वहीं, दस्तावेजों की बात करें तो निवास प्रमाण पत्र, आयु प्रमाण पत्र और 12वीं की मार्कशीट ज़रूरी है। कॉलेज का एडमिशन लेटर या चयन पत्र भी दिखाना होगा।

आय प्रमाण पत्र वैकल्पिक है, यानी अगर हो तो दे सकते हैं। इन शर्तों और दस्तावेजों के साथ बिहार के छात्र चार लाख रुपये तक का लोन ले सकते हैं और अपनी पढ़ाई को आगे बढ़ा सकते हैं।