बिहार की बिजली कंपनियां अब बैकफुट पर आ गईं है। यही कारण है कि बिजली कंपनी ने स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने के अपने तरीके में बदलाव किया है। अब ग्रामीण इलाकों में जबरदस्ती मीटर नहीं लगाए जाएंगे। पहले लोगों की शिकायत थी कि उन्हें मीटर के बारे में जानकारी नहीं दी जा रही है। इसीलिए अब बिजली कंपनी के अधिकारी खुद गांवों में जाकर लोगों को समझाएंगे कि स्मार्ट मीटर कैसे काम करते हैं और उनके क्या फायदे हैं।

दरअसल, कंपनी का कहना है कि वह लोगों की सारी गलतफहमियां दूर करना चाहती है। इसके लिए कंपनी के बड़े अधिकारी गांवों का दौरा करेंगे और जानकारी देंगे। कंपनी ने यह भी स्पष्ट किया है कि जिन बुजुर्गों के पास स्मार्टफोन नहीं है या उन्हें रिचार्ज करने में दिक्कत होती है, उनके लिए घर-घर मीटर रीडर जाएंगे। मीटर रीडर उनके मीटर को रिचार्ज कर देंगे। इसके अलावा, सभी पंचायतों में भी रिचार्ज की सुविधा दी जाएगी।

बावजूद इसके बिहार के ग्रामीणों इलाकों में स्मार्ट मीटर लगाने की रफ्तार थोड़ी धीमी हुई है। पहले जहां रोजाना चार हजार मीटर लगते थे, वहीं अब यह संख्या घटकर दो से तीन हजार रह गई है। बिजली कंपनी का कहना है कि जल्द ही यह रफ्तार फिर से बढ़ेगी। पटना जिले के फतुहा और नौबतपुर में मीटर लगाने का काम ठीक चल रहा है। बाढ़ में कुछ दिक्कतें आ रही हैं क्योंकि वहां पानी भर जाने से काम करने में परेशानी हो रही है।

माना जा रहा है कि बिजली कंपनी के इस फैसले से उन लोगों को राहत मिली है जो जबरन मीटर लगाए जाने से परेशान थे। कंपनी का यह कदम लोगों के प्रति उसकी संवेदनशीलता को दर्शाता है। उम्मीद है कि कंपनी जल्द ही सभी को स्मार्ट मीटर के फायदे समझाकर इस योजना को सफल बनाएगी।